बिहारवासियो को मिल गया दो नया हाई स्पीड रेल वंदेभारत ट्रेन का सौग़ात, जानिए रूट

वंदे भारत ट्रेन का इंतज़ार कर रहे रेलयात्रियो के प्रतीक्षा को जल्द ही पूर्णविराम लगने वाला है। बिहार के दो रुटो का चयन वंदे भारत ट्रेन के लिए कर लिया गया है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो महज़ कुछ महीनों में ही बिहार के दो रूपों पर वंदे भारत ट्रेन दौड़ती नजर आएगी।

पहले रूट का चयन पटना से हावड़ा के लिए किया गया है, इस रूट पर एक अलग वंदे भारत ट्रेन चलाए जाने का ऐलान किया गया है जिसके लिए ट्रैक व्यवस्था भी उस लायक बनाया जा रहा है। दूसरा रूट उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले से बिहार के गया जिले के रास्ते हावड़ा जाने के लिए एक अलग वंदे भारत ट्रेन चलाया जाएगा। इसके अलावा भी वंदे भारत ट्रेन के रूट का विस्तार बिहार के अन्य जिलों से भी जोड़े जाने का अनुमान लगाया जा रहा है।

इसके अलावा एक बड़ी सूचना आपको बता दें की बिहार की प्रीमियम ट्रेन है जैसे तेजस एक्सप्रेस राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों को बदलकर वंदे भारत ट्रेन उसके स्थान पर चलाया जाना है, इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है, ज्ञात हो कि फिलहाल चल रही ट्रेनों में जर्मन तकनीक पर आधारित LHB कोच का इस्तेमाल होता है। लेकिन वंदे भारत ट्रेन अगर इन रूटों पर शुरू होती है तो यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। देश को स्वदेशी तकनीक पर आधारित अत्याधुनिक बोगियों पर लगने वाले खर्च में भी कमी आएगी।

बिहार के इन रूटों पर वंदे भारत ट्रेन के संचालन के लिए परियों को वंदे भारत ट्रेन के स्पीड के अनुसार डिवेलप किया जा रहा है, मौजूदा रिकॉर्ड के अनुसार फिलहाल ट्रेनों की गति अधिकतम 130 किलोमीटर प्रति घंटा है यह गति महज कुछ प्रीमियम ट्रेनों की ही है, लेकिन वंदे भारत ट्रेन की गति आने वाले दिनों में 150 से 160 किलोमीटर प्रति घंटा करने की तैयारी की जा रही है इसके लिए रेलवे नहीं विशेष फंड भी जारी कर दिया है।

 

जानकारी के लिए आपको बता दें कि फिलहाल एक वंदे भारत ट्रेन बिहार से होकर गुजर रही है जिसका ठहरा कटिहार जिले के बारसोई स्टेशन पर है, इस ट्रेन के परिचालन का बड़ा फायदा सीमांचल के रेल यात्रियों उठा पा रहे हैं। अब इन दो ट्रेनों के शुरू होने से सिर्फ बिहार हिंदी संपूर्ण बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश के रेल यात्रियों को भी हाई स्पीड ट्रेन का आनंद उठाने को मिलेगा तथा यात्रा में लगने वाले समय में भारी कटौती हो जाएगी। इसका एक बड़ा लाभ व्यापारी वर्ग के लोगों को भी मिलेगा जो प्रतिदिन अपने कारोबार एक राज्य से दूसरे राज्य के लिए आते जाते हैं।

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