बिहार में सरकारी अमीन बुलाने का सही तरीक़ा जानिए, ज़मीन विवाद होगा जड़ से खत्म

बिहार में ज़मीन से सम्बंधित समस्याये कई प्रकार की है, यह समस्या अधिकतम गावों के अधिक देखने को मिलती है जहां छोटी छोटी बातो पर अमीन को बुलाने की आवश्यकता हो जाती है, ऐसे में ज़मीन मापने वाले अमीन की भी बाहर आ जाती है, गावों में अक्सर लोग निजी अमीन को बुलाते है, कभी कभी दोनो पक्ष अपने अपने अमीन को बुलाते है या कभी सभी दोनो पक्ष मिलकर अमीन का खर्च वहन करते है, कई बार फिर भी समस्या का समाधान नही निकल पता। इतिहास गवाह है कई ज़मीनो की मापी दर्जनो बार हो चुकी है लेकिन विवाद आज तक जैसा का तैसा पड़ा हुआ है या अब मामला कोर्ट में लम्बित है।

ससरकारी अमीन बुलाने की पूरी प्रक्रिया

समस्या का सही समाधान एवं विवादों को निपटने के लिए बिहार राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा ताज़ा जानकारी जारी की गयी है।जिसके अनुसार, ज़मीन की मापी के लिए सरकारी अमीन बुलाने की प्रक्रिया कुछ इस प्रकार है, सर्वप्रथम रैयत को अपने ज़मीन की मापी कराने के लिए अंचल अधिकारी के समक्ष बिहार कसत्कारी अधिनियम 1885 की धारा 118 के अंतर्गत आवेदन देना अनिवार्य है, इसके बाद अंचलाधिकारी आपके द्वारा दिए गए आवेदन एवं अधिकार से सम्बंधित साक्ष्य की जाँच करेंगे, एवं संतुष्ट होने के बाद आवेदक यानी आपको मापी मे लगने वाले समय और अमीन के शुल्क को जमा करने का आदेश जारी करेंगे।

 

ऐसे प्राप्त करें प्रतिवेदन एवं ट्रेस नक्सा

अमीन का शुल्क जमा करने के बाद आपको अंचल अधिकारी के द्वारा आपको ज़मीन के मापी की तिथि बताई जाएगी। उस तारीख़ पर सरकारी अमीन ज़मीन को मापकर सम्पूर्ण रिपोर्ट अंचल अधिकारी को समर्पित करेंगे। सरकारी अमीन द्वारा सौंपा गया प्रतिवेदन एवं ट्रेस नक्सा अंचलअधिकारी द्वारा आवेदक प्राप्त कर सकता है। ज़मीन के मापी से सम्बंधित यह यह सम्पूर्ण जानकारी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग बिहार के ओफिसियल ट्विटर हैंडल पर जारी की गयी है।

अभी है यह व्यवस्था

बिहार में ज़मीन के मापी से सम्बंधित एक बड़ी समस्या यह है की अलग अलग ज़िलों में मापी के लिए अलग अलग शुल्क लिया जाता, बिहार में NDA के सरकार के दौरान राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के पूर्व मंत्री रामसूरत राय ने नई व्यवस्था के तहत एक बड़ा बदलाव लाने के निर्देश दिया था जिसे लागू नही किया जा सका, वो प्रयास यह था की पूरे राज्य में रकबे के अनुसार मापी का शुल्क तय करना। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को दिशानिर्देश भी जारी किया था लेकिन सरकार के बदलने के बाद अबतक उस व्यवस्था को लागू नही जा सका। अगर यह व्यवस्था लागू हो जाती है तो आम लोगों को इसका बड़ा फ़ायदा मिलेगा।

Leave a Comment