जल्द बिक जाएगी देश की सबसे बड़ी पैकेज्ड पानी का ब्रांड बिसलेरी, बेटी नहीं चलाएगी कंपनी

देश की सबसे बड़ी ब्रांड बिसलेरी अब कभी भी बिक सकती है और इसका खरीदार भी आगे आ चुके हैं। दरअसल मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सबसे बड़ा पैकेज्ड पानी का ब्रांड बिसलेरी बिकने जा रही है और यह सबसे बड़ा बिसलेरी ब्रांड खबर के अनुसार 6,000 से 7,000 करोड़ में बिक सकता है।

क्या कहते हैं बिसलेरी कंपनी के मालिक?

दरअसल आपको बता दे कि बिसलेरी के मालिक रमेश चौहान के कहने के अनुसार कंपनी में उपाध्यक्ष बेटी जयंती को कारोबार  संभालने में कोई दिलचस्पी नहीं है जिसके वजह से कंपनी के मालिक रमेश चौहान इसे किसी अच्छे कंपनी के हाथो बेचना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस कंपनी को आगे बढ़ाने और बेहतर तरीके से देखभाल करने में टाटा समूह कर सकती है। आपको बता दें कि 1993 यानी आज से लगभग 30 साल पहले रमेश चौहान ने थम्सअप, गोल्ड स्पोट, लिम्का को 6 करोड़ डॉलर में कोका कोला को बेच दिया था। वहीं टाटा समूह ने भी इस अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वापिस लहरी के साथ कारोबार के विस्तार पर चर्चा कर रहा है।

बिसलेरी का 2021 में कारोबार, 95 करोड़ का हुआ था फायदा

आपको बता दें कि मिली जानकारी के अनुसार बिसलेरी कंपनी की मालिक थोड़ा सा भी हिस्सेदारी बिसलेरी में नहीं रखेंगे। मार्च 2021 साल खत्म में 1,181 करोड़ों रुपयों की बिक्री हुई थी और ₹95 करोड़ का फायदा हुआ था।

पारले ने 1969 में खरीदा था बिसलेरी

बता दें कि 1969 में परले एक्सपोर्ट्स इटली में कारोबार से बिसलेरी 4 लख में खरीदा था, आप यह भी जान लें कि सेसार रॉसी ने खुशरु नाम के वकील के साथ मिलकर लांच किया था।

कैसे शुरू हुई थी बिसलेरी कंपनी ?

बिसलेरी कंपनी की शुरुआत साइनॉर फेलिस बिसलेरी ने किया था जो कि इटली के रहने वाले थे। भारत में भी उन्हीं ने ही सबसे पहले पानी बेचने की शुरुआत किया था। मिनरल वाटर क्रांति को जानने के लिए हमें 1960 के दौर में पीछे जाना होगा, उस समय भारत में अनाज की कमी थी। उन्हीं बुरे टाइम में भी पाकिस्तान ने भी हमला किया था। 1961 में चार चौहान भाइयों के पारले ग्रुप का बंटवारा भी हुआ था। बता दें कि चार भाइयों में एक भाई जयंतीलाल चौहान के हिस्से में परिवारिक समूह का सॉफ्ट ड्रिंक कारोबार आया। उस समय पार्ले गुरुप रिमझिम, किस्मत, और पाटिल कोला ब्रांड के नाम से सॉफ्ट ड्रिंक बना रहा था। बुरे दौर में इसको चलाना भी चुनौतियों से कम नहीं था। जब देशवासियों के पास खाने के लिए दो वक्त की रोटी नहीं थी।

जयंतीलाल के तीन बेटो ( मधुकर, रमेश और प्रकाश) में रमेश चौहान अमेरिका से इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट की पढ़ाई किया था। रमेश कारोबार से जुड़ते ही रमेश चौहान को लगा कि उन्हें सॉफ्ट ड्रिंक में ज्यादा वैरायटी के साथ सोडा भी लंच करना चाहिए। उस समय भारत में इटली की कंपनी बिसलेरी लिमिटेड कांच की बोतल में मिनरल वाटर बेच रही थी।

रमेश चौहान ने बिसलेरी को 1969 में इस मंत्र से खरीदा की बिसलेरी ब्रांड को सोडा में तब्दील करेंगे। बता दें कि उस समय बिसलेरी के पूरे देश में पांच ही स्टोर थे। एक कोलकाता में, और चार मुंबई में था। धीरे-धीरे या कंपनी ऊंचाइयों को छूती गई।

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