बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने भूमि विवादों को निपटाने के लिए नई व्यवस्था शुरू की है, यह व्यवस्था अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष के द्वारा संचालित की जाएगी। इसके लिए बिहार राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अपने ऑफिशियल टि्वटर हैंडल से नई गाइडलाइन जारी की है।

यह है मुख्य समस्या

बिहार राज्य है नहीं बल्कि अधिकतम राज्यों में भूमि विवाद के इतने मामले लम्बित है की उसे सुलझाने में कई वर्ष बीत जाएंगे, जिलों के सिविल कोर्ट में ऐसे भी मामले देखने को मिलते हैं की मामला दर्ज कराने वाले व्यक्ति का इंतकाल भी हो जाता है लेकिन केस का निपटारा नहीं हो पाता है। कई बार मामले का जल्दी निपटारा ना होना अन्य विवादों को भी जन्म देता है। इन समस्याओं को देखते हुए भूमि सुधार विभाग के द्वारा नई व्यवस्था का परिचालन शुरू किया गया है।

यह है नई व्यवस्था

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के द्वारा भूमि विवादों पर कार्यवाही करने के लिए नई व्यवस्था के तहत शनिवारीय बैठक से संबंधित व्यवस्था की सूचना जारी की गई है, इस सूचना में विभाग का कहना है कि बिहार राज्य के सभी जिलों के अंचलों में प्रत्येक शनिवार को अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष संयुक्त रूप से बैठक करके भूमि विवादों का समाधान करेंगे।

अवैध दख़ल पर क्या करें ?

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के द्वारा जारी सूचना में अवैध दखल जैसे मामले के लिए भी सूचना जारी की गई है, जिसमें कहा गया है कि अवैध दखल पाए जाने की स्थिति में अधिकार प्राप्त रियल के द्वारा जमीन पर दखल पाने के लिए शनिवार के बैठक में आवेदन दिया जा सकता है, आवेदन के बाद अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष मिलकर मामले को जल्द से जल्द अधिकार प्राप्त को जमीन पर दखल दिलाने का कार्य करेंगे।


उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश

इस नई भाषा में अगर माननीय सर्वोच्च न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय एवं अन्य सक्षम न्यायालय के द्वारा पारित आदेश के अनुपालन के लिए शनिवार के इस बैठक में आवेदन देकर समस्या का समाधान पाया जा सकता है।

Kush Singh

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