गोरखपुर में बायो सीएनजी प्लांट को शासन से मिली मंजूरी, बड़ी संख्या में उत्पन्न होगा रोजगार, यहाँ होगा स्थापित

गोरखपुर में बड़ी संख्या में रोजगार उत्पन्न होने वाला है बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलने वाला है आपको बता दे कि गोरखपुर में बायो सीएनजी प्लांट की स्थापना के लिए शासन से मंजूरी मिल गई है। यह बायो सीएनजी प्लांट गोरखपुर जिले के सहजनवा के सुथनी में स्थापित होगा। सीएनजी प्लांट की स्थापना पीपीपी मोड में इंदौर में बायो सीएनजी प्लांट बनाने वाली कंपनी एयर एनवायरो को दीया गया है।

 

प्लांट को मिली हरी झंडी, खर्च होंगे 150 करोड़

बायो सीएनजी प्लांट की स्थापना के लिए बुधवार को आमंत्रित एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट को मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी ऑफ सेक्रेटरीज ने हरी झंडी दे दिया है। जानकारियां मिल रही है कि इस प्लांट पर लगभग 150 करोड़ रुपए खर्च होने वाला है। खबर यह भी मिल रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द ही गोरखपुर सहित, लखनऊ, गाजियाबाद और वाराणसी में बायो सीएनजी प्लांट के लिए एमओयू हस्तांतरण करेंगे। बता दें कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर गोरखपुर के सुथनी में निर्मित किया जा रहा है प्लांट को बायो सीएनजी प्लांट के रूप में निर्मित होगा।

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ई ओ आई के तहत मिलने वाले आवेदन के बाद नगर आयुक्त 1 अक्टूबर को कंपनी को हरी झंडी देने के साथ-साथ रिपोर्ट भी शासन को भेज दिया था। योजना के अनुसार लखनऊ गाजियाबाद बायो सीएनजी प्लांट की क्षमता 300- 300 टीपीडी, वहीं गोरखपुर और वाराणसी के प्लांट की क्षमता 200 टीपीडी रहेगी।

हर रोज 27 हजार टन किलोग्राम बायो सीएनजी होगा उत्पादन

जानकारी यह भी है कि प्लांट से हर रोज 27 हजारा किलोग्राम बायो सीएनजी का उत्पादन क्षमता होगा यही नहीं आपको बता दें कि हर साल 2 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड और ग्रीन हाउस गैस को कम किया जाएगा। नगर निगम के मुख्य अभियंता संजय चौहान के अनुसार पहले इस मिक्स कचरे का सुथनी में प्लांट लगाया जा रहा था लेकिन वही मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद प्लांट को बायो सीएनजी प्लांट के रूप में निर्मित किया जाएगा।

जागरूकता अभियान चलाया जाएगा

नगर आयुक्त के अनुसार सभी वार्डों में जागरूकता कार्यक्रम कचरे के सेग्रिगेशन के लिए चलाया जायेगा। मोहल्लो समितियों और आरडब्ल्यूए,एनजीओ, स्वच्छ वातावरण प्रोत्साहन समिति को जोड़ा जायेगा। गीले कचरो को प्रोसेसिंग प्लांट तक भेजने के लिए सभी संसाधनों का प्रबंधन होगा। इसके अलावा हरे-नील डस्टबिन का वितरण, डोर डोर टू सेग्रीगेटेड कूड़ा एकठा करने के लिए वाहनों की संख्या बधाई जाएगी।

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