कहानी एक ही घर की दो बहनो की, एक ही नोट्स से तैयारी करके बनी IAS, महिलाओं के लिए बनी प्रेरणा

यूपीएससी यानी संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षा होती है। यह परीक्षा पास करने के लिए छात्र कई वर्षों तक लगातार मेहनत करते हैं। 1 जिले में 2 अभ्यर्थियों का यूपीएससी क्लियर करना बहुत ही मुश्किल होता है एक ही घर की दो बेटियां एक ही साल में एक साथ यूपीएससी की परीक्षा क्लियर कर दें, तो वाकई में यह तारीफ की काबिल है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार को बता दे कि, यूपीएससी द्वारा सिविल सेवा परीक्षा रिजल्ट घोषित किया गया, जिसमें बिहार के शुभम कुमार टॉप रहे, वहीं दिल्ली की अंकिता जैन ने ऑल इंडिया थर्ड रैंक हासिल किया था. निश्चित ही यह बड़ी कामयाबी है, उनका परिवार बहुत ही खुश होगा हालांकि परिवार वालों की खुशी अंकिता के लिए ही नहीं बल्कि वैशाली जैन के लिए भी है जिन्होंने ऑल इंडिया 21वी रैंक प्राप्त किया था। दोनों बहनों की सफलता के बाद एक ही घर में दो बेटियां आईएएस अफसर बन गई है।इन दोनों बहनों की खास बात यह है कि इन दोनों ने एक ही नोटस से यूपीएससी एग्जाम की तैयारी करती थी। दोनों एक दूसरे को बहुत ही प्रेम करते थे। हालांकि दोनों की रैंक अलग-अलग आया लेकिन मेहनत बराबर था।

अंकिता और वैशाली जैन के परिवार

जानकारी के अनुसार आपको बता दे कि अंकिता जैन और वैशाली जैन के पिता सुशील जैन एक व्यवसायी है और उनकी माता गृहिणी है। दोनों बहनों की इस सफलता के पीछे माता-पिता की अहम भूमिका है। बता दें कि अंकिता जैन ने 12वीं की पढ़ाई पूरा करने के बाद दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है। बीटेक की डिग्री लेने के बाद अंकिता को एक प्राइवेट कंपनी में जॉब मिल गई लेकिन उन्होंने नौकरी पर ध्यान देने के बजाय यूपीएससी एग्जाम की तैयारी करना शुरू कर दिया।

जानकारी के अनुसार अंकिता ने 2017 में यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू की कड़ी मेहनत के बाद उन्हें पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली थी। लेकिन दूसरे प्रयास में परीक्षा पास कर लिया। हालांकि उन्होंने परीक्षा तो पास कर लिया लेकिन अच्छी रैंक नहीं ला सकी जिससे उनका सिलेक्शन आईएएस के लिए होता।

अंकिता डीआरडीओ के लिए भी चयनित हुई, यूपीएससी क्लियर करने के बाद उन्हें एक बार आइए एंड आईएएस बैच के लिए चुना गया लेकिन अंकिता के लिए यह पर्याप्त नहीं था। उन्होंने यूपीएससी के लिए फिर से प्रयास किया लेकिन वह प्रीलिमिनरी क्लियर नहीं कर पाई। उन्हें सफलता तो मिल रही थी लेकिन अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पा रही थी। मिल रही असफलताओं के बावजूद उन्होंने हार नहीं माना और अंतिम प्रयास में परीक्षा पास कर आईएएस बनने का अपना सपना पूरा कर लिया।अंकिता की छोटी बहन वैशाली जैन रक्षा मंत्रालय के तहत आईईएस अधिकारी रही है। दोनों बहनों की इस सफलता के बाद देश की बेटियों के लिए यह प्रेरणा बन गई है।

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