कुशीनगर-मारा गया आदमखोर बाघ, छह महीनो में नव लोगो को बना चूका था अपना शिकार, ग्रामीणों में था खौफ

गोरखपुर सीमावर्ती कुशीनगर जनपद से सटे बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल से निकलकर रिहायशी इलाके में आकर लोगों की जान लेने वाले बाघ ने लोगों में काफी भय पैदा कर दिया था। आपको बता दें कि कुशीनगर जनपद से सटे बिहार सीमा में 3 दिन में 4 लोगों समेत छह महीनों में कुल 9 लोगों की जान ले चुके आदमखोर बाघ को शनिवार को गोली मार दी गई। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश और बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में आतंक फैलाने वाले आदम खोर बाघ को मारने के लिए शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया गया था।

रिपोर्ट्स के अनुसार शनिवार को बलुआ गांव निवासी बबीता देवी उम्र 40 वर्ष, और उनके पुत्र शिवम 7 वर्ष, पर हमला करके मार दिया था। यह दोनों मां बेटा सरेह में पशुओं के लिए चारा लेने गए थे। काफी मशक्कत के बाद मां बेटा का शव मिला था। इससे पहले भी यह आदमखोर बाघ कई लोगों को अपना शिकार बना चुका है। 7 अक्टूबर को संजय महतो(35), 5 अक्टूबर को बगड़ी कुमारी (12), 21 सितंबर को रामप्रसाद उरांव(65), 12 सितंबर को प्रेम कुमारी देवी(40), 15 जुलाई को धर्मराज काजी (60), 20 मई को पार्वती देवी (50), और 14 मई को राजकुमार बैठा (12) की मौत बाघ के हमले से हो चुकी है। आदमखोर बाघ के लगातार हमले करने से आक्रोशित ग्रामीण इस बाघ को मारने की मांग कर रहे थे।

आपको बता दें कि बाघ को आदमखोर मानते हुए उसे जान से मरने के लिए विटीआर के सीएफ नेसामनी ने सीएनटीसीए ( नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी) से अनुमति मांगा था और अनुमति मिलते ही बाघ को मार दिया गया। जानकारी के अनुसार सात शूटरों को अत्याधुनिक असलहे के साथ शनिवार को तैनात किया गया था और संभावित मौजूदगी वाले क्षेत्र में विशेष वाहन से निशानेबाज जवान कांबिग कर रहे थे बलुआ गांव के पास बाघ और शूटरों का आमना-सामना हुआ जिसके बाघ मारा गया।

चार सौ वनकर्मचारी पकड़ने में रहे विफल 

आपको बता दें कि खबर के अनुसार 400 वन कर्मचारी दक्षिण भारत  और नेपाल से बुलाए गए विशेषज्ञ इस खतरनाक बाघ को नहीं पकड़ पाए थे,  बाघ को जंगल में सुरक्षित क्षेत्र में  रिहायशी इलाके से  ले जाने के लिए  वीटीआर  प्रशासन  और जिला प्रशासन ने नेपाल के चितवन प्राणी उद्यान  सहित दक्षिण भारत से विशेषज्ञ को बुलाकर बाघ  को बेहोश कर पकड़ने की कोशिश किया था लेकिन उस समय कामयाबी नहीं मिली थी।   बता दें कि 400 वनकर्मी  तैनात थे  लेकिन फिर भी बाघ  चकमा देकर लोगों की जान ले रहा था। 

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