लखनऊ में दूषित पानी पीने से डायरिया फैला हुआ है जिसको देखते हुए कानपुर  नगर निगम एक्शन में आ गया है।  आपको बता दें कि महापौर प्रमिला पांडे इस काम की जिम्मेदारी खुद संभाली है। नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन नीरज गौड़  के साथ मिलकर इलाकों में पेजल का जांच कराया। महापौर ने क्या आदेश दिया है कि रोज कई इलाकों में पानी की जांच कराई जाए। साथ ही यह भी आदेश दिया है कि इसको लेकर  जोन के अनुसार टीम  बनाया जाएगा  ताकि ज्यादा से ज्यादा जांच हो सके। 

 

इसके अलावा भी आपको बता देंगे रेस्टोरेंट,  स्कूल, शॉपिंग कंपलेक्स, मॉल  और खाने पीने वाली दुकानों पर मिल रहा है पानी की जांच कराया जाए।  जो लोग पीने का पानी वाला कैन  दे रहे हैं उनके यहां भी छापा मारकर जांच किया जाएगा।  और यह पता लगाया जाएगा  की क्लोरीन युक्त पानी दे रहे हैं या नहीं।  वहीं  दूषित पानी मिलने पर  संबंधित अफसरों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। इन सबके बाद नगर आयुक्त ने भी आदेश दिया है कि पंपिंग स्टेशन और सभी प्रकार के पानी के स्रोतों का जांच कराया जाएगा।  कम से कम पानी में एक से 0.5 मिलीग्राम प्रति लीटर होना जरूरी होता है जिससे पानी साफ रहता है और जैसे पानी में जीवाणु नहीं हैं। 

 

पार्षद नवीन पंडित , सीबू अंसारी, मनोज पांडे, अंजू मिश्रा, नीरज बाजपेई,रीता पासवान समेत कुछ अन्य ने बताया कि बहुत पुरानी पाइप होने के कारण पाइप गल गई है जो अंग्रेजों के जमाने की पड़ी पाइपलाइन है।  इन पाइपों के द्वारा पानी घर में पहुंचता है जिससे पानी दूषित पहुंच रहा है। उन्होंने आगे कहा कि जेएनएनयूआरएम  के द्वारा पड़ी लाइन सिर्फ देखने के लिए रह गया है यही नहीं बैराज प्लांट बंद ही रहता है इसको चालू करवा दिया जाए।  बैराज  में दो प्लांट लगे हैं जो 20-20 करोड़ लीटर के हैं लेकिन पानी छह करोड़ के आसपास मिलता है अगर यह अपनी पूरी क्षमता से चले तो शहर में पानी की कमी नहीं होगी। 

Rajan Sharma

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