गोरखपुर नगर निगम इन दिनो अपने आय और व्यय से परेशान है क्योंकि सालाना आय की बात की जाए तो नगर निगम की सालाना आय लगभग 26 करोड़ रुपए है जो विज्ञापन, लाइसेंस, टैक्सी स्टैंड, आदि से आय 6 करोड़ रुपए है। और खर्च की बात करें तो कर्मचारीयो को वेतन के रूप में सालाना 100 करोड़ रुपए खर्च हो जाते है। अब ये मेंटेन कैसे होता है यहाँ जानिए, नगर निगम को विकाश कार्यों के लिए वित्त आयोग, केंद्रीय आपदा राहत, अमृत मिशन अंदान आदि के तरफ़ से पैसे दिए जाते है।
इस समस्या से निपटने के लिए नगर निगम अपने ज़मीनो पर ग्रूप हाउसिंग प्रोजेक्ट लेकर आ रहा है, जिसके अंतर्गत शहर के बेशक़ीमती ज़मीनो पर निगम फ़्लैट बनाकर अपना आय बढ़ाएगी। और बाहरी क्षेत्रों की ज़मीन पर प्लौटिंग करके उसको बेचने की योजना बनाई गयी है। नगर निगम में नए 32 गाँवों के जुड़ने से नगर निगम का दायरा और बढ़ गया है। अब नए जुड़े गाँवों में पड़े नगर निगम की ज़मीन का रेकर्ड नगर निगम ने राजस्व विभाग से माँगा है।
जो फ़्लैट निगम बनाएगा आइए जानते है उसके बारे में, आपको बता दें की नगर निगम ग्रूप हाउसिंग योजना के अंतर्गत 6 हज़ार वर्गमीटर में फ़्लैटो का निर्माण किया जाएगा। इस योजना के लिए ज़मीन की तलाश शुरू कर दी गई है, अधिकारी कहते है की अधिक ज़मीन मिलने पर इस योजना को और विस्तार किया जाना है। फ़िलहाल नगर निगम के पास सहारा इस्टेट, मोहरिपूर के साथ साथ बीछिया आदि जगहों पर ज़मीन उपलब्ध है।
नगर आयुक्त अविनाश सिंह का कहना है की मुख्यमंत्री के मनसा के अनुरूप निगम अपनी आय बढ़ने में जुटा है। निगम के पास शहर में बेशक़ीमती ज़मीन है जिसपर ग्रूप हाउसिंग प्रोजेक्ट के शुरू होने से निगम को अच्छी आय होगी। इससे नगर निगम आत्मनिर्भर तो बनेगा ही लोगों को भी एक नया विकल्प मिल जाएगा।