उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी में कई देशों को पीछे छोड़ चुका है। प्रदेश विकास की ओर अग्रसर बढ़ते जा रहा है इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो रहा है। प्रदेश में कई बड़े एक्सप्रेस-वे पर काम भी चल रहा है। इसी क्रम में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का लोकार्पण 16 जुलाई को करेंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 11 जुलाई को पीएम के आगमन को लेकर हो रहे तैयारियों की जायजा लेने के लिए जालौन गए थे। इस एक्सप्रेस-वे के शुरू होने से उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों के लोगों को दिल्ली की राह आसान हो जाएगी।

बता दें कि बुंदेलखंड उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे हैं जिसकी लंबाई 296 किलोमीटर से अधिक है। इस एक्सप्रेसवे वे के निर्माण के लिए प्रस्तावित समय 36 महीने तय किया गए थे लेकिन कोरोनावायरस महामारी के वावजूद भी यह एक्सप्रेसवे महज 28 महीनों में ही बनकर तैयार हो गया है।

उत्तर प्रदेश के सात जिलों से यह एक्सप्रेसवे गुजरेगा। वहां औद्योगिक कलस्टर और डिफेंस कॉरिडोर बनाने का भी योजना है,इसका जिक्र प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने किया है। प्रदेश में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा जिससे बुंदेलखंड में उद्योग और रोजगार नई बुलंदी मिलेगी।

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट
बता दे कि 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का निर्माण 15 हजार करोड़ की लागत से हुवा है। यह एक्सप्रेस-वे की फिलहाल पक्की सड़क सिर्फ चार लेन की है लेकिन भविष्य में इसे सिक्स लेन बनाने की योजना है। इसकी चौड़ाई की बात करें तो,चौड़ाई 110 मीटर है। यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 7 जिलों से होते हुए गुजरेगा, इस एक्सप्रेस वे के शुरू होने से लगभग 200 गांव को लाभ मिलेगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे चित्रकूट के भरतकूप से शुरू होता है और इटावा होते हुए कुदरेल के पास आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से मिलता है,यहा एक्सप्रेसवे दिल्ली से जुड़ेगा।

Rajan Sharma

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