उत्तर प्रदेश में 5 करोड़ लोगों को पढ़ना और लिखना सिखाया जाएगा। यह सभी लोग 15 साल से अधिक उम्र के होंगे जिन्हे निरक्षर से साक्षर बनाया जायेगा। आपको बता दें कि 2011 के जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में 15 साल से अधिक उम्र के लगभग 5 करोड़ लोग निरक्षर पाए गए थे। अब इन लोगों को एक अभियान के तहत पढ़ना लिखना सिखाया जाएगा। सत्र 2020 21 से ही केंद्र सरकार पढ़ने और लिखने का अभियान शुरू करने का योजना बनाया था। लेकिन देश में आए कोरोनावायरस चलते यह नहीं हो सका था। वही कोरोनावायरस धीरे-धीरे खत्म हो कम होता दिखाई दे रहा है। ऐसे में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से इस फिर से इसपर जोर देना शुरू कर दिया है।

 

लगभग 5 करोड निरक्षर लोगों को चुनकर के शिक्षा मुहैया कराया जाएगा। इन लोगों को साक्षर बनाने के लिए शिक्षामित्रों, शिक्षकों, कॉलेज के छात्रों, सेवानिवृत्त शिक्षक, एनसीसी के स्वयं सेवकों से मदद लिया जाएगा। लगभग 5 करोड़ लोगों को एनसीईआरटी के द्वारा शिक्षा देने के लिए 120 घंटे का स्पेशल कोर्स तैयार किया गया है। इस कोर्स की अवधि 4 महीने का होगा। तैयार किए गए कोर्स में लगभग 10 लोगों का ग्रुप बनाकर पढ़ाया जाएगा। यही नहीं इन लोगों के पढ़ाई का मूल्यांकन भी लिया जाएगा।

 

आपको जानकर हैरानी होगी कि 2011 के जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से 3 जिले ऐसे हैं जो पढ़ने लिखने में पीछे हैं। 15 साल से अधिक उम्र के लोगों इन तीनों जिलो प्रयागराज , सीतापुर और मुरादाबाद शिक्षा में पीछे है। हम आपको बता दें कि प्रयागराज में लगभग 13 लाख , मुरादाबाद में लगभग 14.5 लाख और सीतापुर में भी लगभग 13 लाख लोग निरक्षर है।

Rajan Sharma

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