पति चलाते है एम्बुलेंस, माँ करती है घर-घर काम, सिविल जज बन महिला ने लिखा इतिहास

सपने तो लोग बड़े-बड़े देखते हैं लेकिन उनमें से कुछ ही लोग अपने सपने को साकार कर पाते हैं. आज हम एक ऐसी महिला की कहानी बताने जा रहे हैं जो एक बच्चे की मां होते हुए भी लोक सेवा परीक्षा पास करके इतिहास रच दिया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आपको बता दे की तिरूपत्तूर जिले की रहने वाली 23 वर्षीय वी. श्रीपति ने सफलता की नई कहानी लिख दिया है। मलयाली ट्राइब से आने वाली श्रीपति ने लोक सेवा आयोग के तरफ से आयोजित परीक्षा में सफलता पाकर सिविल जज बन गई है। श्रीपति हाल ही में एक बच्चे की मां भी बनी है। हालांकि इसके बाद भी उन्होंने तैयारी छोड़ी नहीं और अपना परचम लहराया। लगातार मेहनत और लग्न की वजह से सिविल जज के लिए चयनित हो गई है। यह मुकाम हासिल करने के बाद उन्होंने बताया कि लॉ की पढ़ाई करने से पहले तक वह येलागिरी हिल्स में ही स्कूली शिक्षा हासिल किया था। उनका कहना है कि उनके समुदाय के लोगों को कानूनी अधिकार के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से कानून की पढ़ाई करने की ठान रखी थी।

जानकारी के अनुसार श्रीपति की मां घर घर जाकर काम करती थी ताकि घर खर्च चल सके, उनके पिता खेती बाड़ी करते हैं। श्रीपति के स्कूल की प्रिंसिपल बताती हैं कि श्रीपति शुरू से ही मेधावी छात्रा थी स्कूल की पढ़ाई करने के बाद भी वह स्कूल जाया करती थी और बच्चों से अपने अनुभव के बारे में शेयर करती थी। कुछ सालों के बाद श्रीपति की शादी हो गई और उनके पति एंबुलेंस चलते हैं। मां बाप के अलावा श्रीपति को पति का भी भरपूर साथ मिला। पत्नी की पढ़ाई नहीं रुके और अपने सपनों को हासिल कर सके उसके लिए वह रात दिन मेहनत करते थ। आखिरकार श्रीपति ने जज बनकर पुरे परिवार का मन बढ़ाया और करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा भी बन गई।

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