नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, नोटबंदी को बताया वैध और 58 याचिकाओं को भी किया खारिज

आपको याद ही होगा केंद्र सरकार ने 2016 में 1000 और 500 रुपए के नोट को बंद कर दिया था। उस समय लोगों को बहुत परेशानियां भी हुई थी। लोग उस समय काफी परेशान हुए थे। दरअसल आपको बता दे कि केंद्र सरकार के द्वारा 1000 और 500 के नोटों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं कि आज सुनवाई थी। जिसपर आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है.

 

सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी को किया वैध करार

सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी को वैधानिक करार दिया है इसके साथ ही 58 याचिकाओं को खारिज भी कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार के इस उठाये गए कदम से रातों-रात 10 लाख करोड़ों रुपए सरकुलेशन से वापस लिए गए थे। न्यायमूर्ति एस ए नजीर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने इस फैसले पर अपना फैसला सुनाया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस फैसले को उल्टा नहीं जा सकता, नोटबंदी के फैसले में कोई त्रुटि नहीं है, कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड की जांच के बाद हमने पाया कि निर्णय लेने की प्रक्रिया केवल इसलिए त्रुटिपूर्ण नहीं हो सकती क्योंकि यह केंद्र सरकार से निकली है और हमने माना है कि टर्म सिफारिश को वैधानिक योजना से समझना चाहिए। रिकॉर्ड से ऐसा प्रतीत होता है कि 6 महीने की अंतिम अवधि के भीतर आरबीआई और केंद्र के बीच परामर्श हुआ था,

जस्टिस बीवी नागरत्ना ने असहमति जताई, उन्होंने कहा कि-

इस मामले में संविधान पीठ ने 4:1 के बहुमत से अपना फैसला सुनाया। इस फैसले से सिर्फ जस्टिस बी वी नाग रत्ना ने असहमति जताई, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को नोटबंदी की प्रक्रिया नहीं करनी चाहिए थी, जस्टिस बीवी नाग रत्ना ने कहा कि सरकार के इशारे पर नोटबंदी कहीं अधिक गंभीर मुद्दा है। जिसका अर्थव्यवस्था और नागरिकों पर प्रभाव पड़ता है अधिसूचना के बजाय कानून के माध्यम से केंद्र की अपार शक्ति का प्रयोग किया जा सकता है।

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