गोरखपुर में बदला ज़मीन संबंधी नियम, अब रजिस्ट्रेशन के वक्त देनी होगी 10% राशि शेष 20%

गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (जीआईडीए) में इकाई स्थापित करने के लिए भूखंड आवंटित करने वाले उद्यमियों को 90 दिनों के भीतर आवंटन राशि का भुगतान करना होगा। ऐसा नहीं करने पर उनका प्लॉट रद्द कर दिया जाएगा। 11 जून को जीआईडीए बोर्ड की 57वीं बैठक में सहमति बनने के बाद नया नियम लागू हो गया है। इसके तहत उद्यमियों को 30 प्रतिशत राशि जमा करने के बाद ही भूखंड का कब्जा मिलेगा। पंजीकरण के समय 10 प्रतिशत जबकि शेष 20 प्रतिशत का भुगतान आवंटन पत्र प्राप्त होने के 60 दिनों के भीतर करना होगा।

 

# इसलिए बनाया गया नया नियम

यह नियम उन लोगों पर लगाम लगाने के लिए बनाया गया है जो प्लाट आवंटन के बाद भी फैक्ट्रियां नहीं लगाते हैं। गिदा में 100 से ज्यादा ऐसे प्लॉट हैं, जिन पर कई सालों के आवंटन के बाद भी फैक्ट्रियां नहीं लगाई गई हैं। ऐसे लोगों की भी जांच की जा रही है। नए नियम के मुताबिक प्लॉट के लिए आवेदन करते समय 10 फीसदी राशि रजिस्ट्रेशन के लिए देनी होगी। आवंटन पत्र जारी होने की तारीख से 60 दिनों के भीतर राशि का 20% भुगतान करना होगा। इस समय तक आवंटन राशि का भुगतान नहीं करने की स्थिति में 30 दिनों का और समय दिया जाएगा। इस दौरान सीईओ जीआईडीए उस समय लागू ब्याज दर के अनुसार आवंटन राशि जमा कर सकेगा। यदि 90 दिन पूरे होने के बाद भी आवंटन राशि जमा नहीं की जाती है, तो आवंटन स्वतः रद्द हो जाएगा।

 

# प्लॉट का कब्जा नहीं मिलने की स्थिति में राशि चार प्रतिशत ब्याज के साथ लौटा दी जाएगी।

यदि जीआईडीए किसी कारणवश आवंटी को भूखंड का कब्जा नहीं दे पाता है तो उसे पंजीयन राशि चार प्रतिशत ब्याज सहित वापस कर दी जाएगी। जीआईडीए प्रबंधन द्वारा आवंटन रद्द करने की स्थिति में कोई ब्याज देय नहीं होगा।

 

# जल्द आमंत्रित होंगे औद्योगिक व व्यावसायिक भूखंडों के लिए आवेदन

गीडा प्रबंधन जल्द ही कुछ औद्योगिक और वाणिज्यिक भूखंडों के लिए आवेदन आमंत्रित करेगा। इन योजनाओं में नया नियम लागू होगा। प्लास्टिक पार्क, गारमेंट पार्क में औद्योगिक भूखंड आवंटित किए जाएंगे। आवंटन राशि जमा करने के बाद शेष 70 प्रतिशत राशि 10 किश्तों में जमा करनी होगी। गीडा में प्लॉट आवंटन के नियम में बदलाव किया गया है। यदि 90 दिनों के भीतर आवंटन राशि जमा नहीं की जाती है, तो आवंटन रद्द कर दिया जाएगा। इसी तरह 30 प्रतिशत राशि जमा करने पर कब्जा दिया जाएगा। इससे भूखंडों का दुरुपयोग रोका जा सकेगा। पवन अग्रवाल, सीईओ गीडा।

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