गोरखपुर के इन क्षेत्रो में जमीन खरीदने वाले जान लें यह जरुरी बात, वरना फंस सकता है पूँजी

गोरखपुर वासियों के लिए जमीन खरीदने से जुड़ी एक बड़ी खबर आ रही है मीडिया खबर के अनुसार बता दें कि गोरखपुर शहर के आसपास किसी प्राकृतिक नाला या वन क्षेत्र के किनारे जमीन खरीदने की मन बना रहे है तो अभी आपको थोड़ा इंतजार करना चाहिए। आप जान ले कि चाहे भले ही जमीन किसी काश्तकार की हो बैनामा होने में कोई समस्या भी नहीं आ रही है तभी आपको रुक जाना चाहिए।

आपको बता दें कि गोरखपुर विकास प्राधिकरण के तरफ से विस्तारित क्षेत्र को लेकर तैयार की गई महायोजना, 2031 में प्रकृतिक नाला व वन क्षेत्र के किनारे किसी भी तरह का निर्माण प्रतिबंधित किया गया है अगर ऐसे में आप जमीन खरीद लेंगे तब भी वहां आप कोई निर्माण नहीं करा पाएंगे और आपकी पूंजी भी फंस सकती है।

इन क्षेत्रों में प्रतिबंधित है निर्माण कार्य

आप यह जान ले कि गोरखपुर विकास प्राधिकरण बोर्ड में स्वीकृत की गई महायोजन 2031 के प्रारूप में इसका उल्लेख किया गया है कि किसी भी प्रकृतिक नाला के दोनों तरफ 15 मीटर एवं प्राकृतिक वन क्षेत्र के चारों तरफ सौ मीटर के परिधि में किसी प्रकार का निर्माण नहीं किया जाएगा, इसको हरित क्षेत्र के रूप में रखा जाएगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्राकृतिक नाला के रूप में गोड़धोइया नाला, रामगढ़ ताल से तरकुलानी रेगुलेटर तक जाने वाला रामगढ़ ताल नाला एवं तुर्रा नाला चिन्हित है।

इन जगहों पर पहले ही लगाई जा चुकी है रोक

रामगढ़ ताल नाला के दोनों तरफ लोगों की जमीन है वही गोरखपुर शहर के बढ़ते दायरे के मद्देनजर कई प्रॉपर्टी डीलर के द्वारा प्लाटिंग भी किया जा रहा है जीडीए के तरफ से पहले ही रोक लगाई जा चुकी है। इसी प्रकार तुर्रा नाला और कुस्मही जंगल के बीच भी प्लाटिंग की जा रही थी आप जान ले की वहां भी जीडीए ने रोक लगा दिया है।

इसके बावजूद भी कई जगहों पर प्लाटिंग की जा रही है, यही नहीं लोगों को शहर के विकास का सपना दिखाकर जमीन बेचा जा रहा है। बता दें कि गोरखपुर विकास प्राधिकरण यानी जीडीए के कई प्रस्तावित योजनाओं का हवाला भी दिया जा रहा है। यही नहीं कई जगहों पर वन क्षेत्र से सटे ही प्लाटिंग की गई है बता दें कि महा योजन का प्रारूप आने के बाद प्रॉपर्टी डीलर जीडीए का चक्कर काट रहे हैं।

जानिए अधिकारी ने क्या कहा

जीडीए के उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह के अनुसार महायोजना 2031 में प्राकृतिक नाला एवं क्षेत्र के किनारे निर्माण को प्रतिबंधित कर दिया गया है ताकि क्षेत्र को हरा-भरा रखा जा सके और जरूरत पड़े तो नाला को चौड़ा बनाया जा सके यदि अगर किसी ने जमीन यहां खरीदी भी तो निर्माण नहीं करा पाएंगे।

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