गोरखपुर : चार एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन तैयार, 3 वैगन 5 कोच एवं इन अत्याधुनिक सुविधाओं से है लैश

पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) की नई दुर्घटना राहत ट्रेनें (एआरटी) डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) पर चलेंगी। पहली बार मालगाड़ियों के लिए बनाए जा रहे कॉरिडोर पर चलने वाली अल्ट्रा मॉडर्न ए क्लास की चार दुर्घटना राहत ट्रेनें मुख्यालय गोरखपुर के मार्गदर्शन में बनाई गई हैं। आपदा प्रबंधन के लिए ईस्ट और वेस्ट डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर एआरटी रेल लगाई जाएगी। जो किसी भी कठिन परिस्थिति में त्वरित गति से मौके पर पहुंचकर मदद करेगा।

 

# एआरटी में लगाए गए हैं तीन वैगन और पांच कोच

दुर्घटना राहत ट्रेनों में तीन वैगन और पांच डिब्बे हैं। कोच 391 हाइड्रोलिक रेलिंग उपकरण, टो लाइट, विभिन्न उपकरणों और गेज आदि सहित आपदा प्रबंधन उपकरणों से लैस है। इज्जतनगर प्रबंधन ने सभी उपकरण खरीद लिए हैं। मुख्य कारखाना प्रबंधक राजेश अवस्थी के अनुसार, एआरटी वाहनों को उच्च गुणवत्ता और यात्री सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है। चारों एआरटी वाहनों को जयपुर मंडल भेज दिया गया है। इनके निर्माण से पूर्वोत्तर रेलवे को 38.08 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। इसके अलावा तीन अन्य एआरटी वाहनों का निर्माण किया जा रहा है। इन वाहनों को कानपुर, वडोदरा और सहारनपुर मंडलों में भेजा जाएगा।

 

# देश भर में आटोमोबाइल्स की ढुलाई कर रहे पूर्वोत्तर रेलवे के न्यू माडिफाइड वैगन

यांत्रिक कारखाना गोरखपुर और इज्जतनगर में निर्मित नए माडिफाइड वैगन (एनएमजी) देश भर में ऑटोमोबाइल ले जा रहे हैं। दोनों फैक्ट्रियों में पुराने कंटेनरों से करीब 800 एनएमजी तैयार किए गए हैं। । रेलवे ने करीब 175 करोड़ रुपये की बचत की है। 20 वर्ष की आयु पूरी करने वाले कोचों से एनएमजीबनाए जा रहे हैं। एनएमजी के साथ, ऑटोमोबाइल परिवहन आसान, किफायती और सुरक्षित हो गया है।

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