गोरखपुर के ग्रीन कॉरिडोर ने बचाई 2 बच्चों की ज़िंदगीयाँ, ट्रैफ़िक पुलिस ने करी है बड़ी मदद

गोरखपुर :- ट्रैफिक जाम की परेशानी से तो लगभग आज हर आम इंसान जूझ रहा है, सभी को किसी न किसी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। कभी घर पहुंचने में देरी होती है, तो कभी दफ्तर। यह सब तो फिर भी ठीक है पर घायलों को ले जा रहे एंबुलेंस जब जाम में फंसते हैं, तो किसी की जान पर भी बन  आती है। इसी खतरे से सावधानी बरतने के लिए गोरखपुर पुलिस ने गंभीर रोगियों को अस्पताल ले जा रही एंबुलेंस के लिए ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण करवाया है। जिससे कि रोगियों को अस्पताल पहुंचाने में कोई दिक्कत ना हो। इसी कड़ी में एक घटना घटी है, विगत 12 जुलाई को ग्रीन कॉरिडोर की वजह से नौसर से मेडिकल कॉलेज तक की 13 किलोमीटर की दूरी एंबुलेंस ने मात्र 8 मिनट में तय कर, दो मासूमों की जान बचा ली। गौरतलब  है कि अब तक शहर में 8 बार इस तरह के कॉरिडोर बनाए जा चुके हैं।

 

# कैसे घटी दुर्घटना__

उरुवा के निवासी अनिल अग्रहरि बताते हैं कि किशनपुर गांव के तीन युवक की स्कूटी सिकरीगंज से लौटते हुए पिपरा पांडे गांव के पास अन्य वाहन से टकरा गई। सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंची और सबसे पहले बच्चों को निजी साधनों द्वारा उरुवा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाया गया, फिर वहां 108 नंबर पर एंबुलेंस को कॉल करके बुलाया गया। एंबुलेंस जब तीनों बच्चों को लेकर हॉस्पिटल के लिए रवाना हुई तब उसमें से एक की हालत गंभीर बताई गई।

 

# एंबुलेंस रवानगी से पहले ट्रैफिक पुलिस को दी गई सूचना__

एंबुलेंस का संचालन कर रही संस्था जीवीके ईएमआरआइ के प्रोग्राम मैनेजर प्रवीण कुमार द्विवेदी ने बताया कि एंबुलेंस ने रवानगी से पहले ही ट्रैफिक पुलिस को सूचना दे दी गई कि मरीज काफी गंभीर हैं और ग्रीन कारीडोर की आवश्यकता है। प्रवीण ने अपराह्न दो बजकर 49 मिनट पर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम को सूचित कर दिया। ट्रैफिक पुलिस की तत्परता से 2.58 बजे नौसढ़ से एंबुलेंस को ग्रीन कारीडोर मिल गया।

 

# यातयात पुलिस ने की मदद_

पैडलेगंज, मोहद्दीपुर और असुरन होते हुए एंबुलेंस तीन बजकर छह मिनट पर बीआरडी मेडिकल कालेज पहुंच गई। सूचनादाता अनिल अग्रहरि ने बताया कि तीन में से एक बच्चे की तो मौत हो गई लेकिन दो बच्चों की जान बचाई जा सकी। इसमें ट्रैफिक पुलिस ने बड़ी मदद की।

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