पूर्वोत्तर रेलवे के यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर आ रही है बता दे कि गोरखपुर के रास्ते खलीलाबाद से बैतालपुर तक 85 किलोमीटर लंबी लाइन बिछाई जाएगी। यह बिछने वाली तीसरी रेलवे लाइन पूर्वोत्तर रेलवे के डीएफसी यानी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर माल गाड़ियों के लिए समर्पित रेल लाइन के रूप में विकसित किया जाएगा। यह तीसरी रेलवे लाइन के बिछने से पूर्वांचल के लोगों को बड़ा फायदा होगा। यात्री ट्रेने लेट नहीं होंगी ,बाजार बिकसित होंगे और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे

यात्री ट्रेनों की बढ़ जाएगी रफ्तार
बता दें कि इस रेलवे लाइन के बिछ जाने से मालगाड़ियों को क्रॉस कराने के लिए यात्री ट्रेनों को स्टेशनों पर रोकना नहीं पड़ेगा। जब मालगाड़ी को क्रॉसिंग देना होता है यात्री ट्रेनों को स्टेशनों पर घंटों इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में यात्रियों को गर्मी के दिनों में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। मालगाड़ीयो को स्टेशनों पर बिना रुके चलने से यात्री ट्रेनों की क्षमता और रफ्तार बढ़ जाएगी। पूर्वांचल के लोगों की यात्रा सुगम हो जाएगी और पूर्वांचल के बाजारो को भी फायदा होगा।

बाराबंकी-गोंडा-छपरा 425 किमी तक तीसरी लाइन बिछाने की है योजना
आपको बता दे कि गोरखपुर मुख्यालय को केंद्र मानकर पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य मार्ग बाराबंकी-गोंडा-छपरा तक 425 किलोमीटर तीसरी लाइन बिछाने की योजना है। तीसरी लाइन का कार्य पहले चरण में डोमिनगढ़ से कुसम्ही तक 25 किलोमीटर रेलवे लाइन का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। दूसरे चरण में तीसरे लाइन का कार्य खलीलाबाद से बैतालपुर तक हो गया है। वही मिली जानकारी के अनुसार कुसम्ही से बैतालपुर तक तीसरी लाइन के लिए पर्याप्त भूमि है पी ओ एल साइडिंग बैतालपुर में भी है यहां पर महीने में 33 तेल की रेक पहुंचती है। रेलवे बोर्ड ने इसको देखते हुए बैतालपुर को दूसरे चरण के सर्वे में शामिल किया है। इसलिए क्योंकि ऑयल रेक का संचालन बिना किसी बाधा के चलती रहे।

माल गाड़ियों को मिलेगा एक नया रास्ता
बता दे कि बैतालपुर से देवरिया होते हुए भटनी तक तीसरे चरण में तीसरी लाइन बिछाने के लिए सर्वे को मंजूरी मिलने की अभी संभावना है। तीसरी लाइन का विस्तार बाराबंकी और गोंडा से छपरा तक हो जाने के बाद, गोरखपुर के रास्ते वाराणसी और छपरा से गोंडा रूटों पर संचालित माल गाड़ियों को एक नया रास्ता मिलेगा। पूर्व से बनकर तैयार दो रेल लाइनों पर बिना किसी बाधा के यात्री ट्रेन का संचालन शुरू हो जाएगा, जिससे गोरखपुर जंक्शन का लोड कम हो जाएगा। रेलवे बोर्ड के द्वारा बाराबंकी- गोरखपुर- छपरा रेल लाइनों पर ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम की अनुमति भी दे दिया गया है। पूर्वोत्तर रेलवे के रूटों पर एक सेक्शन में एक दूसरे के पीछे ट्रेने चल सकेंगी।

पूर्वांचल में खुलेगा रोजगार के द्वारा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तीसरी रेलवे लाइन के बिछने से पूर्वांचल के बाजार विकसित होंगे। यही नहीं माल गाड़ियों की संख्या में वृद्धि होगी और माल ढुलाई ज्यादा होने से रोजगार के अवसर भी बढ़ जाएंगे। वही एक और प्राइवेट फ्रेट टर्मिनल सहजनवा में और नौतनवा मल्टी मॉडल कार्गो टर्मिनल तैयार किया जा रहा है। रेलवे बोर्ड ने माल ढुलाई को प्राथमिकता देते हुए माल गाड़ियों की स्पीड 50 किलोमीटर प्रति घंटा किया है

Rajan Sharma

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