भारत में नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 138 के अंतर्गत कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां सभी खाताधारकों एवं चेक से लेनदेन करने वाले व्यक्तियों के लिए जारी की जा रही है, नेशनल क्राईम इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो के ऑफिस से ट्विटर पर जारी जानकारी के अनुसार किसी पार्टी से मिला हुआ चेक बाउंस होता है तो उसकी नोटिस समानता कोई अधिवक्ता द्वारा नोटिस के रुप में चेक देने वाले व्यक्ति को भेजवाया जाता है।
लेकिन इसमें बदलाव करते हुए नेशनल क्राईम इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो का कहना है की अगर कोई चेक बाउंस होता है तो यह आवश्यक नहीं है कि उसकी नोटिस किसी अधिवक्ता द्वारा भेजी जाए बल्कि चेक प्राप्त करने वाला व्यक्ति भी स्वयं रजिस्टर्ड डाक के द्वारा चेक देने वाले व्यक्ति को नोटिस भेज सकता है। नोटिफिकेशन में साफ-साफ लिखा है कि चेक प्राप्त करने वाले व्यक्ति के पास यदि कोई अधिवक्ता उपलब्ध ना हो या फिर वह व्यक्ति अधिवक्ता का सर्विस शुल्क देने में सक्षम नहीं हो ऐसी स्थिति में वह व्यक्ति स्वयं ही रजिस्टर्ड डाक के द्वारा चेक देने वाले व्यक्ति को नोटिस भेज सकता है।
सामान्यता यह माना जाता है कि जब भी कोई चेक बाउंस होता है तो उसके लिए नोटिस किसी एडवोकेट द्वारा ही प्रेषित किया जाएगा, परंतु यह आवश्यक नहीं है कि कोई नोटिस किसी अधिवक्ता द्वारा ही भेजा जाए। खाताधारक खुद नोटिस रजिस्ट्रड डाक से चेक देने वाले को भेज सकता है।https://t.co/Nip2AzTzCp pic.twitter.com/RdrThbehk7
— NCIB Headquarters (@NCIBHQ) November 16, 2022
भुगतान ना होने की स्थिति में नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 138 के अंतर्गत मुकदमा भी दायर किया जाता है, लेकिन मुकदमा दायर करने से पहले चेक प्राप्त करने वाले व्यक्ति के द्वारा चेक देने वाले व्यक्ति को भुगतान करने के लिए एक सूचना देनी होती है, बैंक में अगर किन्हीं कारणों से चेक बाउंस हो जाता है तो चेक देने वाले व्यक्ति को इस बारे में सर्वप्रथम अवगत कराया जाता है एवं चेक पर अंकित धनराशि की मांग की जाती है।
ऐसी स्थिति में अगर वह व्यक्ति चेक में दिए हुए धनराशि का भुगतान नहीं करता है तो ऐसी परिस्थिति में नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 138 के अंतर्गत चेक प्राप्त करने वाले व्यक्ति पर मुकदमा दायर कर सकते हैं। तथा छानबीन के बाद चेक में अंकित की गई धनराशि को तथा मुकदमे में खर्च की गई राशि को ब्याज सहित प्राप्त किया जा सकता है। नोटिस भेजने के लिए कई प्रकार की सावधानियों का भी ध्यान रखना आवश्यक है जैसे नए प्रावधानों के अंतर्गत नोटिस को भेजना तथा नोटिस में सही कंटेंट का उल्लेख करना इन सब प्रावधानों को फॉलो करने के बाद ही मुकदमे को न्यायालय में दायर किया जा सकता है।