अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है यहां पर राम लला की जो मूर्ति स्थापित की जानी है उसके लिए नेपाल की गंदगी नदी से शालिग्राम पत्थर लाए जा रहे हैं मीडिया खबर के अनुसार इन पत्थरों से ही मूर्ति तैयार की जाएगी। यह पत्थर दो टुकड़ों में है और इन दोनों खंडों का कुल वजन 127 क्विंटल बताया जा रहा है।
जानकारों का कहना है कि महीनों की खोज के बाद शालिग्राम पत्थर के इतने बड़े टुकड़े मिल पाए हैं यह शिलाखंड 2 फरवरी को अयोध्या पहुंचेंगे नेपाल से अयोध्या आने में 4 दिन का वक्त लगेगा और यह काफिला रोजाना करीब 125 किलोमीटर का सफर तय करेगा। जानकारी के मुताबिक 2 दिन पहले नेपाल में पोखरा के पास गंडकी नदी से क्रैन की मदद से ट्रक में लोड किया गया था। इन पत्थरों को सबसे पहले पोखरा नेपाल के जनकपुर लाया गया है। जनकपुर के मुख्य मंदिर में पूजा अर्चना की गई। इन शीला खंडों का दो दिवसीय अनुष्ठान प्रारंभ हुआ है विशेष अनुष्ठान के बाद बिहार के मधुबनी बॉर्डर से भारत में प्रवेश करेंगी और अलग-अलग जगहों पर रुकते हुए 31 जनवरी की दोपहर बाद गोरखपुर के गोरक्षनाथ पहुंचेगी।
छह करोड़ साल पुरानी है शालिग्राम शिलायें
विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल और हिंदूवादी संगठनों के पदाधिकारी भी साथ रहेंगे। नेपाल के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री 25 अन्य गणमान्य नागरिकों के साथ शिला की रवानगी के बाद भारत आ सकते हैं। जनकपुर में विशेष अनुष्ठान और पूजन के बाद 30 जनवरी की सुबह लगभग 8:30 बजे शालिग्राम शिला बिहार के मधुबनी जिले के बॉर्डर से भारत में प्रवेश करेंगे,31 जनवरी को करीब 2:00 बजे गोरखपुर पहुंचेगी जहां इन शालिग्राम शिलाओ के पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना होगी और सूत्रों की माने तो इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी वहां शामिल हो सकते हैं। गोरखपुर से चलकर 2 जनवरी को यह शिलाये अयोध्या पहुंचेंगे अयोध्या में भी संत महंत द्वारा इसकी विधिवत पूजा-अर्चना की जाएगी।