आपके इलाज खर्च कम से कम आए इसको लेकर सरकार बाजार भाव से आधी कीमत पर दवाएं उपलब्ध कराती है सरकार द्वारा उसके लिए हर जिलों और कस्बों में जनऔषधि केंद्र खोल जा रही है। ऐसा कहा गया है पिछले 9 सालों में कई लोगों ने अपनी दवाइयाँ इन जनऔषधि केंद्रों से सस्ते में खरीद कर करीब 20,000 करोड़ रुपयों की बचत कर ली है। अगर आप भी इस जनऔषधि केंद्र से दवाइयाँ लेना चाहते है तो आप ऑनलाइन तरीके से बेहद ही आसानी से अपने इलाके के जनऔषधि का पता लगा सकते है।

औषधि योजना

देश के नागरिकों को सस्ती कीमत पर दवाइयां उपलब्ध हो सके इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से नवंबर 2008 में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना की शुरुआत की गई थी। सरकार के इस योजना के तहत 2017 के दिसंबर महीने में करीब 3,000 जन औषधियां केंद्र खोले गए थे। जिसके बाद साल 2020 के मार्च महीने में कुल 6000 आउटलेट्स का लक्ष्य रखा गया था। पिछले वित्त वर्ष में इन केंद्रों की संख्या 8,610 हो गई थी जो की अब बढ़कर 9,000 तक पहुंच चुकी है लेकिन अगर ताजा आंकड़ों की बात करें तो इसके अनुसार कुल जनऔषधि केंद्रों की संख्या 9413 हो गई है।

इतने तरह की दवाइयां होती है उपलब्ध

केंद्र सरकार द्वारा अब तक देश के 766 जिलों में से लगभग 750 जिलों में जन औषधि केंद्र की सुविधा दी जा चुकी है। यहाँ पर लोग सस्ती कीमत में दवाइयों का लाभ उठा पा रहे हैं। सरकार की कोशिश यह रही है की इन केंद्रों पर सभी को हर तरह की दवाइयों को आसानी से और सस्ते दामों में उपलब्ध कराई जा सके। वैसे ही यहाँ पर 1759 तरह की दवाइयां और 280 सर्जिकल उपकरण शामिल हैं। इनमें कई तरह की दवाइयाँ जैसे कि कार्डियोवस्कुलर, कैंसर-रोधी, डायबिटिक-रोधी, संक्रमण-रोधी, एलर्जी-रोधी, गैस्ट्रो-इन्टेस्टाइनल दवाइयां और न्यूट्रास्यूटिकल्स उपलब्ध हैं। इसके अलावा न्यूट्रास्युटिकल प्रोडक्ट प्रोटीन पाउडर, माल्ट-बेस्ड फूड सप्लीमेंट्स भी हैं। वहीं, कुछ आयुष उत्पादों जैसे कि आयुरक्षा किट, बालरक्षा किट और आयुष-64 टैबलेट को प्रतिरक्षा बूस्टर के रूप में शामिल किया गया है।

ब्रांडेड दवाओं की तुलना में इन दवाइयों की कीमत कितनी होती है ?

ब्रांडेड दवाओं की तुलना में अगर हम प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों पर उपलब्ध दवाओं की कीमत की बात करें तो इनकी कीमत 50 से 90 फीसदी तक कम होती है। वहीं अब तक 2021-22 में इन दवाइयों की बिक्री 893.56 करोड़ रुपये तक हो चुकी है। 2022-23 में इन केंद्रों ने लगभग 758.69 करोड़ रुपये की दवाइयां बेचीं है। ऐसे में नागरिकों को लगभग 4,500 करोड़ रुपये की बचत का लाभ हो चूका है। इससे जुड़ा 16 मई 2023 को जो आकड़ें सामने आए थें उसके अनुसार पिछले 9 वर्षों में नागरिकों ने जनऔषधि केंद्रों से सस्ती दवाएं खरीदकर करीब 20,000 करोड़ रुपये से अधिक बचा लिए हैं।

ऐसे खोजे जन औसधि केंद्र

अगर आप भी इससे जुड़ कर सस्ती दवा का लाभ उठाना चाहते हैं तो आप अपने इलाके में औषधि केंद्र को खोजने के लिए इसके ऑफिशियल वेबसाइट http://janaushadhi.gov.in/KendraDetails.aspx पर जाकर सर्च कर सकते हैं। इसमें दिए गए कॉलम में अपना स्टेट और जिला चुनकर सर्च करना होगा।जिसमें सभी औषधि केंद्रों का पता आप आसानी से लगा सकेंगे, इसमें पिन कोड और वहां के कॉन्टैक्ट परसन का नाम दर्ज होगा।
ऐसे करे अप्लाई

आप कोई नया बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपके लिए यह मेडिकल स्टोर खोलने का आईडिया बेस्ट होगा आपको बता दे केंद्र सरकार का फार्मास्युटिकल्स विभाग द्वारा प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) अभियान चलाया जा रहा है जिसके अनुसार आप प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोल सकते हैं।

यदि आप भी जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से इसमें आवेदन कर सकते हैं। इस आधिकारिक लिंक http://janaushadhi.gov.in/online_registration.aspx पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। जहां पर आपको देश के हर राज्य जिले की लिस्ट शो होने लगेगी जहा पर जन औषधि केंद्र खोला गया है। वही यदि आप ऑफलाइन प्रोसेस से आवेदन करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए एक एप्लिकेशन फॉर्म https://janaushadhi.gov.in/ से डाउनलोड करना होगा और इसे महाप्रबंधक (ए एंड एफ), ब्यूरो ऑफ फार्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया (बीपीपीआई) को भेजना होगा।

कितना आ सकता है खर्च

अगर आप जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए सोच रहे है तो इसके लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर करने के लिए आवश्यक निवेश के अलावा, आवेदक को हर समय सभी प्रोडक्ट्स को स्टोर में उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त निवेश करना होगा। इसमें बीपीपीआई यानी की ब्यूरो ऑफ फार्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स ऑफ इंडिया द्वारा 2.50 लाख रुपये तक की वन-टाइम फाइनेंशियल सहायत प्रदान की जाएगी। सरकारी अस्पताल परिसर में राज्य सरकार द्वारा इसे खोलने के लिए मुफ्त में जगह भी उपलब्ध कराइ जाएगी।

कैसे होगी कमाई

अब आप सोच रहे होंगे की इससे इनकम कितना होता होगा तो बता दें इनकम दवाओं की प्रति माह बिक्री पर आधारित होगी। यदि आप 1 लाख रुपये की दवाएं बेच सकेंगे तो आपको 20,000 रुपये की इनकम हो सकेगी। वहीं आपको दवाओं की बिक्री पर 20% की कमीशन भी दी जाएगी। वहीं आपको मासिक बिक्री पर सीधे 15 फीसदी का इंसेंटिव भी मिलेगा। इस तरह से आप महीने के 1 लाख रुपये की बिक्री पर 30,000 रुपये तक कमा सकेंगे।

लाइसेंस की होगी जरूरत

जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आपको 120 वर्ग फीट जगह की जरूरत होगी। ये जगह आपकी अपनी हो सकती है या फिर आपने किराए पर ली हो। दूसरी जरूरत आपको लाइसेंस की होगी। आपके पास जनऔषधि केंद्र के नाम से रिटेल मेडिसिन बिक्री का लाइसेंस होना चाहिए। इसके लिए आपका पैन कार्ड, आधार कार्ड भी जरूरत होगा। यदि कोई एनजीओ, हॉस्पिटल या चेरिटेबल ट्रस्ट जनऔषधि केंद्र खोलना चाहे तो उसे रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट्स भी लगाने होंगे।  इस कार्य के लिए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/दिव्यांग जैसे कमजोर वर्गों के आवेदकों को 50 हजार रु की दवाइयां एडवांस में मिल सकती हैं। 2.5 लाख रु के इंसेंटिव में ही दी जाएंगी, जो हर महीने की सेल्स के 15 फीसदी (अधिकतम 10000 रु) के तौर पर दिया जाएगा।