न्यूड विडीओ कॉल ठगी गैंग में कोई लड़की नही बल्कि सिर्फ़ पुरुष ही इस प्रकार देते थे ठग को अंजाम

पूरे भारत में पिछले वर्ष से लगातार यह मामला सामने आ रहा था की एक लड़की का फ़ेस्बुक पर फ़्रेंड रिक्वेस्ट आता है, सबसे ज़रूरी बात यह विडीओ कॉल कोई लड़की नही करती थी इसकी पूरी जानकारी इस लेख में उपलब्ध है। फ़्रेंड रिक्वेस्ट के बाद वो अपना whatsapp नम्बर देती है फिर न्यूड विडीओ कॉल होता है और फिर क्या ठगी का सिलसिला शुरू, उधर से एक आदमी विडीओ डिलीट करने के लिए पैसों की माँग शुरू करता है और अक्सर लोग इज्जत बचाने के चक्कर एवं मजबूरी में पैसे भेज देते है। अब इस ठगी के मामले पर कुछ हद तक विराम लग गया है। इसका वजह मीडिया जगत एवं तमाम वो ऑफ़िसर शामिल है जिन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल से इस ठग से सावधान रहने की सूचना जारी की । ऐसे ही ठगो के मेवात गैंग को पकड़ लिया गया है।

 

ऐसे शुरू होता था काम

सबसे पहले ये ठग एक लड़की के नाम से फ़ेक facebook आइडि बनाते थे, सके बाद अलग अलग प्रोफ़ाइल पर फ़्रेंड रिक्वेस्ट भेजते थे। फ़्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकारने के बाद ये सबसे पहले आपके प्रोफ़ाइल से कुछ दोस्तों एवं रिस्तेदारो का प्रोफ़ाइल लिंक निकल कर अलग रख लेते थे। फ़्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकारे हुए व्यक्ति से चैट कर बातें करते है लड़की के रूप में उसके बाद मोबाइल नम्बर का आदान प्रदान होता है।

 

मुख्य था विडीओ कॉल

facebook चैट में मोबाइल नम्बर मिलने के बाद तुरंत विडीओ कॉल आता है, इसमें मुख्य बात यह थी की विडीओ कॉल करने वाला कोई लड़की नही बल्कि इसके पीछे पुरुष रहता है जो दूसरे मोबाइल में न्यूड विडीओ चला कर विडीओ कॉल वाले मोबाइल के कैमरा के सामने रख देता है और इसकी रिकॉर्डिंग भी कर लेता है।

 

उसके बाद शुरू होता है ये असल खेल

विडीओ रिकॉर्डिंग जिसमें आपकी तस्वीर भी दिख रही होती है तुरंत आपके मोबाइल पर पहुँच जाता है, साथ में यह लिखकर की अगर विडीओ डिलीट करवाना है तो इतने पैसे जल्दी से अकाउंट में डालो, अकाउंट भी कैसे खुलता है इन ठगो का यह भी आपको आगे बताएँगे। अब विडीओ आने के बाद इजात बचाने के चक्कर में कुछ लोग ठोर देर सोचते है नही समझ आने पर बदनामी के डर से पैसे भेज देते हैं, उसी में कुछ लोग माँगे नए रक़म में कुछ कम करने के लिए कहते है, तो उधर से जवाब आता है ये पूरा पैसा मैडम नही रखेंगी, इसमें इतना पैसा तो दिल्ली साइबर ऑफिस से विक्रम राठौड़ को भी देना है। अब बेचारा क्या करें सोचता है की मामला साइबर क्राइम तक पहुँच गया, बेचारा हड़बड़ा कर पैसे जल्द से जल्द दिए गए बैंक खाते में भेज देता है।

 

कैसे खुलता है इनका फ़्रॉड खाता

पकड़े गए आरोपियों ने बताया है की कुलदीप और कुंदन सरकार द्वारा संचालित अलग अलग योजनाओं द्वारा खाते में पैसे आने की लालच डेकर लोगों से खाते खुलवाता था। उसके साथ साथ उस खाता का चेक बुक ATM सब कुछ लेते थे, और फिर इन खातों को जयपुर स्थित मेवात गैंग के हबीब खान और उनके साथियों को एक खाते के लिए 5 हज़ार में सौदा पका करके सभी खुलवाए हुए खातों को बेच देते थे।

 

सिर्फ़ एक दिन में काम लिए 29 लाख

पकड़े गए मेवात गैंग के मुख्य आरोपी ने यह बयान दिया है की वह सबसे अधिक एक दिन में 29 लाख रुपए की ठगी किया है तथा अबतक एक करोड़ से भी अधिक रुपयों की ठगी करने की बात क़बूल की है। इस गैंग को अबतक का सबसे बड़ा देनदार बंगाल से जिनसे इस गैंग ने एक बार में 10 लाख रुपए ठगे थे। पुलिस के द्वारा बरामद सभी खातों को अब बारीकी से जाँच शुरू हो चुकी है।

 

ऐसे खुली पोल

जब 20 अक्टूबर को डूंगरपुर ज़िले के साइबर थाने में एक शिकायत दर्ज हुई, जिसमें पीड़ित ने ऐसे हाई एक मामले की शिकायत लिखवाई, उस पीड़ित ने पैसों की माँग करने पर ठगो के खाते में 2 लाख 88 हज़ार 500 रुपए भेज चुका था। इतने पैसों के बावजूद उधर से यही बात कही जा रही थी की दिल्ली साइबर ऑफिस से विक्रम राठौड़ ने 1 लाख 15 हज़ार की माँग कर रहे है तो फिर पीड़ित ने SBI से यह पैसा भी भेज दिया, उसके बाद थाने में शिकायत लेकर पहुँचे।

 

पुलिस ने नही की देरी

शिकायत मिलने के बाद पुलिस टीम जाँच में जुट गयी, पुलिस को सबसे बड़ा सुराग खाते से मिला टीम ने खातेधारक का नाम और पता अश्विन पुत्र कालूराम निवासी अमृतगंज कॉलोनी छोटी सादड़ी जिला प्रतापगढ़ का मिला, इनसे पूछताछ करते हुए टीम मेवात गैंग के मुख्य आरोपी हबीब खान पुत्र हाकम खान मेव मुसलमान निवासी सेदमपुर थाना गोविंदगढ़ जिला अलवर, कुलदीप पुत्र जुगलकिशोर शर्मा निवासी बसेड़ी कुंडाल थाना छोटी सादड़ी प्रतापगढ़, कुंदन पुत्र राजाराम मेघवाल निवासी मलावदा प्रतापगढ को गिरफ्तार कर लिया है।

 

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