LIC के इस स्कीम में ऐसे करें निवेश, मैच्योरिटी पर मिलेंगे ₹50 लाख, जानिए पूरी प्लानिंग

जब भी हम निवेश करने की सोचते है  तो सबसे पहले एलआईसी का ख्याल आता है। यह सरकारी होने के वजह से इस पर लोग आंख मूंद कर विश्वास करते हैं। एलआईसी के द्वारा हर तरह के लोगों के लिए प्लान लेकर आती है। आज हम ऐसे प्लान के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें आप कुछ ही राशि निवेश करके लाखों रुपए इकट्ठा कर सकते हैं।

दरअसल हम बात कर रहे हैं LIC Jeevan Anand policy की, इस पॉलिसी के तहत आप अपना आर्थिक स्थिति को सुधार सकते हैं। बता दे कि जीवन आनंद पॉलिसी का प्रीमियम टर्म पॉलिसी की तरह ही होता है जितने समय की पॉलिसी होगी उतने समय की आप निवेश कर सकता है।

LIC Jeevan Anand policy योजना 

इस पॉलिसी में आपको मैच्योरिटीका का भी लाभ दिया जाता है, मान लीजिए अगर पॉलिसी धारक की मौत हो जाए तो इस पॉलिसी के तहत 125 फ़ीसदी डेथ बेनिफिट दिया जाता है। इसमें बोनस का भी लाभ दिया जाता है। इसमें कम से कम 1लाख रुपए का सम एस्योरड है और अधिकतम का कोई सीमा नहीं है। आपको बता दें कि इस पॉलिसी में आपको 4 तरह के राइडर एक्सीडेंट डेथ एंड डीजेबिलिटी राइडर, न्यू टर्म इंश्योरेंस राइडर, और न्यू क्रिटिकल इलनेस राइडर्स दिए जाते हैं।

ऐसे करें निवेश, मैच्योरिटी पर मिलेंगे ₹50 लाख 

आइए इस पॉलिसी में निवेश के बारे में जान लेते हैं, अगर इस पॉलिसी को कोई लेता है तो हर महीने 2716 रुपए या फिर हर दीन ₹90 जमा करके ₹50 लाख रुपए मैच्योरिटी पर बना सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपको लंबे समय के लिए निवेश करना होगा। आपको बता दें कि मैच्योरिटी की अवधि आपको 35 साल तक के लिए चुनना होगा। मान लीजिए अगर आप 2716 रुपए हर महीने जमा करते हैं तो सलाना 32600 होगा। वही इस स्कीम में 35 साल जमा करने पर आपको मैच्योरिटी पर 50 लाख रुपए मिलेंगे।

बोनस का भी मिलेगा लाभ

जैसे कि हमने आपको बताया था इसमें बोनस का भी लाभ मिलता है, आपको बता दे कि 35 साल में 11.4 लाख रुपए जमा करते हैं तो इसमें बेसिक सम अस्योरड 10 लाख रुपए होगा इसके साथ ही रिवीजनरी बोनस 17.2 लाख रुपए होगा जबकि फाइनल एडिशन बोनस 23 लाख रुपए दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार इस पॉलिसी में दो बार बोनस मिलता है लेकिन पॉलिसी 15 साल पुरानी होनी चाहिए। यह पॉलिसी डेथ बेनिफिट का भी लाभ देती है अगर मैच्योरिटी से पहले मौत हो जाती है तो नॉमिनी को सम अस्योरड के बराबर पैसा दिया जाता है जबकि मैच्योर होने के बाद पॉलिसी धारक की मौत होती है तो नॉमिनी को पूरी राशि मिलती है।

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