UPI-लेनदेन करने वालो के लिए खुशखबरी, सरकार ने कर दिया यह टैक्स माफ, जानिए

अगर आप भी यूपीआई ट्रांजैक्शन करते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है आपको बता दें कि रुपे डेबिट कार्ड और कम कीमत की भीम यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए सरकार के द्वारा बैंकों को दिए जाने वाले प्रोत्साहन पर माल और सेवा कर यानी जीएसटी नहीं लगेगा। दरअसल आपको बता दे कि वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दिया है, बीते सप्ताह केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चालू वित्त वर्ष में रुपे डेबिट कार्ड और कम कीमत के भीम यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए बैंकों के लिए 2600 करोड़ रुपए की इंसेंटिव स्किन को मंजूरी दिया था।

UPI

इन UPI लेनदेन और रुपे डेबिट कार्ड के लेनदेन पर नहीं लगेगा GST 

आपको बता दें कि रुपए डेबिट कार्ड और भीम यूपीआई कम कीमत के लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना के तहत सरकार बैंकों को रुपए कार्ड लेनदेन के कीमत और ₹2000 तक की कम कीमत वाले भीम यूपीआई की लेनदेन फ़ीसदी के रूप में प्रोत्साहन राशि का भुगतान करती है। बता दे कि भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 बैंकों और प्रणाली प्रदाताओं को रुपए डेबिट कार्ड या भीम के माध्यम से भुगतान लेने या किसी को भुगतान करने पर उसूल लेने से रोकता है।

वित्त मंत्रालय ने भेजा सर्कुलर 

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जीएसटी के मुख्य कमिश्नर को भेजे गए एक सर्कुलर में वित्त मंत्रालय ने कहा कि प्रशासन सीधे सेवा के कीमत से जुड़ी सब्सिडी से संबंधित है। यह केंद्रीय जीएसटी कानून 2017 की प्रावधानों के तहत लेनदेन के टैक्स योग्य कीमत का हिस्सा नहीं है। इसमें कहा गया है कि- जैसे कि जीएसटी काउंसिल के तरफ से सिफारिश की गई है यह स्पष्ट किया जाता है कि रुपए डेबिट कार्ड और कम कीमत के भीम यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी की ओर से दिए गए इंसेंटिव पर जीएसटी नहीं लगेगा। इस तरह करें सब्सिडी के रूप में और इस पर टैक्स नहीं लगेगा।

12.82 लाख करोड़ रुपए के UPI लेनदेन रिकॉर्ड 

आपको बता दें कि देश में यूपीआई ट्रांजैक्शन का एक रिकॉर्ड बन गया है। सबसे ज्यादा यूपीआई ट्रांजैक्शन करते हैं। मीडिया खबर के अनुसार बीते दिसंबर महीने में 12.82 लाख करोड़ रुपए की कीमत के 782.9 करोड़ डिजिटल भुगतान लेनदेन का रिकॉर्ड बनाया है। वही रुपे डेबिट कार्ड और कम कीमत के भीम यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन पर जीएसटी नहीं लगाने से इस क्षेत्र में और ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है।

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