भारतीय रेलवे भारत वासियों का सबसे बड़ा लाइफ लाइन है, रेलवे के माध्यम से हर रोज करोडो यात्री यात्रा करते हैं। इसके अलावा हर रोज अनगिनत लोग रेल सफर के माध्यम से दफ्तर आने-जाने के लिए ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं। भारतीय रेलवे ने अपने यात्रियों की सुविधा एवं सहूलियत को देखते हुए हमेशा कुछ ना कुछ नई सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रयासरत रहता है। रेल सफर के दौरान यात्रियों के इंश्योरेंस का भी खासा ख्याल रखा जाता है, जिसकी जानकारी बहुत कम लोगों को ही रहता है।

NCIB की जानकारी

नेशनल क्राईम इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से जारी जानकारी के अनुसार, हर रोज ऑनलाइन माध्यम से ना जाने कितनी टिकट बुक की जाती है, सभी टिकटो में बुकिंग के दौरान इंश्योरेंस का ऑप्शन आता है, जिसकी जानकारी बहुत ही कम लोगों को रहती है। NCIB ने अनुरोध किया है कि ऑनलाइन माध्यम आईआरसीटीसी टिकट बुक करते समय इंश्योरेंस का विकल्प जरूर चुने, क्योंकि इस विकल्प को लेने के बाद अगर ट्रेन सफर के दौरान यात्री के साथ कोई दुर्घटना होती है।

मुआवज़ा 10 लाख तक

मृत्यु होने या फिर आंशिक विकलांगता अस्थाई विकलांगता जैसी स्थिति उत्पन्न होती है तो, ऐसे में इंसुरेंस लिए हुए व्यक्ति को रेलवे के द्वारा मृत्यु या अस्थाई विकलांगता पर 10 लाख रुपए का मुआवजा दिए जने का प्रावधान है। जबकि अस्थाई आंशिक विकलांगता की स्थिति में साडे ₹7.50 लाख का इंश्योरेंस कवरेज रेलवे के द्वारा दिया जाता है

इंश्योरेंस करवाने का खर्च सिर्फ़ 49 पैसे

इसके अलावा अस्पताल में भर्ती होने पर भी रेलवे के द्वारा स्थिति के अनुसार ₹2 लाख रूपये तक मदद देने का प्रावधान है। सफर के दौरान सामान की चोरी होने पर भी इंश्योरेंस कवर दी जाती है। मुख्य बात यह है कि इस इंश्योरेंस को लेने के लिए यात्रियों को प्रति व्यक्ति सिर्फ 49 पैसे खर्च करने पड़ते हैं। आगे से जब भी ऑनलाइन माध्यम से आप टिकट बनवाएं तो इंश्योरेंस का विकल्प जरूर चुने।

Kush Singh

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