हमारे आम जीवन एवं संविधान में कई प्रकार की ऐसी जानकारियां एवं नियम है जिसके बारे में पर्याप्त सूचना ना होने के अभाव में हम सभी उसका लाभ नही उठा पाते है। आज हम आपको एक ऐसे एक्ट के बारे में बता रहे हैं जिसकी जानकारी बहुत ही कम लोगों को है, यह जानकारी नेशनल क्राईम इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो ने अपने ऑफिशियल टि्वटर हैंडल से आम जनता के लिए जारी की है।

यह है समस्या

अगर हम लोग किसी सफर पर निकलते हैं तो रास्ते में टॉयलेट जाने के लिए सुलभ शौचालय का इस्तेमाल करते हैं जहां पर इस्तेमाल करने के लिए पैसे भी देने पड़ते हैं, सुलभ शौचालय द्वारा शौचालय के इस्तेमाल करने के नाम पर 5 से 10 और कहीं कहीं ₹20 भी देने पड़ते हैं। यह समस्या इतनी गंभीर हो चुकी है कि अब बस स्टेशन हो या रेलवे स्टेशन यहां भी शौचालय के अभाव में लोगों को प्राइवेट शौचालय का इस्तेमाल करना पड़ता है, क्योंकि सरकारी शौचालय की सफाई व्यवस्था इतनी गंदी रहती है कि हर कोई उसका इस्तेमाल नहीं कर सकता है।

 

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क्या है नियम जानिए

भारत का इंडियन सिरीज़ एक्ट 1887 में यह नियम बनाया गया है कि, अगर किसी को भी सफर के दौरान कहीं पर भी शौचालय की जरूरत पड़े तो आप किसी भी होटल चाहे वह छोटा होटल हो या फाइव स्टार होटल हो, अगर आप इन होटलों में शौचालय का इस्तेमाल करने जाते हैं तो आपको कोई मना नहीं कर सकता है। और ना ही शौचालय के इस्तेमाल के लिए आपसे कोई पैसे की मांग कर सकता है। होटल के किसी भी कर्मी के द्वारा अगर पैसे की मांग की जाती है या फिर आपको इस्तेमाल करने से रोका जाता है तो जानिए क्या होगा ?

 

इंडियन सिरीज़ एक्ट 1887

भारत के इंडियन सीरीज एक्ट 1887 के तहत अगर कोई भी होटल चाहे वह छोटा होटल हो या पांच सितारा होटल हो, इन होटलों के कर्मी अगर आपको शौचालय जाने से रोकते हैं या फिर पैसे की मांग करते हैं, तो ऐसी स्थिति में मानवाधिकार या लोक अदालत में इसकी शिकायत दर्ज करने पर उस होटल का लाइसेंस त्वरित कार्रवाई करते हुए रद्द करने का प्रावधान इस एक्ट में रखा गया है। WHATSAPP ग्रूप JOIN करें 

Anu Kumari

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