गोरखपुर में बनेगा 10KM लम्बा नाला, खर्च होंगे 1700 करोड़, इस नाले के क्षेत्र में है जमीन, तो जाने कितना मिलेगा मुआवजा

गोरखपुर के गोड़धोइया नाला को पक्का बनाया जाएगा इसके लिए तैयारी शुरू हो गई है। खबर के अनुसार आपको बता दें कि शहर में जल निकासी की समस्या को दूर करने और रामगढ़ ताल के पानी को शुद्ध करने के लिए गोड़धोइया नाला को पक्का बनाने एवं सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की परियोजना बनाई गई है। रिपोर्ट के अनुसार करीब 17 सौ करोड़ रुपए की इस परियोजना में 10 किलोमीटर लंबा पक्का नाला, नाले के दोनों तरफ 5-5 मीटर चौड़ी सड़क, 21 पुलियो के निर्माण और सीवर लाइन एसटीपी लगाना शामिल है।

आपको बता दें कि करीब 44 हजार घरों को सीवर लाइन से फायदा होगा। करीब 713 करोड़ रुपए सीवर लाइन की परियोजना पर खर्च किए जाएंगे। शुरू में करीब 600 करोड़ रुपए मुआवजे की रकम आंकी गई थी लेकिन बाद में नाले की चौड़ाई शुरू में 10 मीटर व बाद में 20 मीटर कर दी गई जिसके बाद यह करीब 400 करोड़ रुपए हो गया।

इस परियोजना में अच्छा खासा मुआवजा पाने की उम्मीद रखने वाले लोगों के उम्मीद पर पानी फिर सकता है। खबर के अनुसार इस नाले के रास्ते में पड़ने वाले जमीनों को उनकी उम्मीद के अनुसार मुआवजा नहीं मिलने वाला है। जो लोग आबादी के सर्किल रेट के दुगुने के बराबर मुआवजा पाने की उम्मीद लगा रखे हैं उन्हें प्रकृतिक नाले को लेकर निर्धारित प्रावधानों के अनुसार बहुत कम मुआवजा मिलेगा। बता दें कि सदर तहसील प्रशासन की तरफ से मुआवजे की नई दरें निर्धारित करने के लिए सर्वे कराया जा रहा है नजदीकी गांव की कृषि भूमि के सर्किल रेट के 60% के बराबर नया मुआवजा होगा।

जानिए कैसे मिलेगा मुआवजा

प्रकृति के नाले व सड़क के निर्माण के लिए कितनी जमीन अधिग्रहित करनी होगी इसके लिए सदर तहसील के द्वारा सर्वे किया जा रहा है। बता दें कि लगभग 10 किलोमीटर लंबे इस नाले में कोई भी भूखंड नाले के नाम पर दर्ज नहीं है इसलिए लोगों को यह उम्मीद थी कि आबादी के अनुसार संबंधित क्षेत्र के सर्किल रेट के दुगुने के बराबर मुआवजा मिलेगा। आपको यह भी बता दें कि प्राकृतिक नाले के अलावा जिनकी जमीन ली जाएगी उन्हें इसी आधार पर मुआवजा मिलेगा। लेकिन जिनकी जमीन नाले में यानी उसके रास्ते में आएगी, उन लोगों के साथ ऐसा नहीं होगा।

कृषि भूमि का 60% मिलेगा मुआवजा

खबर के अनुसार नाले को लेकर पुराने नियमों एवं हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में प्रशासन मुआवजे की रकम कम करेगा। वही सीएम योगी की मंशा है कि सभी को मुआवजा मिले, प्रशासन नजदीकी गांव के कृषि भूमि के 60 % मूल्य के अनुसार मुआवजा देगा। उदाहरण स्वरुप आपको बता दें कि अगर कृषि भूमि का सर्किल रेट ₹100 प्रति वर्ग मीटर है और नाले के रास्ते में जिनकी जमीन है। उन्हें ₹60 प्रति वर्ग मीटर के दर से मुआवजा मिलेगा।

जानिए प्रशासन का तर्क
प्रशासन के अनुसार प्रकृतिक नाला बीते कई वर्षों से बह रहा है ऐसे में यदि रास्ते में किसी की जमीन है तो वह मुआवजे का हकदार नहीं है और लोगों की सुविधा के लिए प्रकृतिक नाले की जमीन पर नाला ही बनाया जा रहा है ऐसी कोई परियोजना नहीं है जिसके जरिए आय अर्जित की जाये।

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