भारत में डुप्लीकेट दवाइयों का कारोबार हम लोगों के लिए एक बहुत बड़ी मुसीबत है। हर रोज करोड़ों लोग दुकानों से दवाई खरीदते है, अब इसमें असली और नकली की पहचान करना सभी के बस की बात नहीं है। भारत सरकार हेल्थ मिनिस्ट्री ने नकली दवाइयों के व्यापार पर नकेल कसने के लिए एक बड़ा ही अहम फैसला लिया है।

यह है मुख्य समस्या

बीमार पड़ने के बाद हर कोई मेडिकल स्टोर पर जाकर दवाइयों की खरीदारी करता है अब ऐसे में कोई भी आम आदमी यह कैसे समझे की मेडिकल स्टोर द्वारा बेची गई दवा असली है या नकली। कई बार लोग नकली दवाई के कारण और भी बीमार पड़ जाते है। इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए हेल्थ मिनिस्ट्री भारत सरकार ने जो फैसला लिया है अत्यंत सराहनीय आवश्यक है।

यह है समाधान

नकली दवाइयों के कारोबार को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार ने नई व्यवस्था के तहत सभी फार्मा कंपनियों को यह आदेश जारी किया है कि वे अपने दवाइयों पर QR कोड यानी बारकोड लगाए। सरकार ने इस आदेश के पालन के लिए 1 अगस्त 2023 तक का समय दिया है। इसका मतलब है अगले वर्ष 1 अगस्त 2023 के बाद बाजार में आने वाली सभी दवाइयों की ऊपर बारकोड दिखना शुरू हो जाएगा।

क्या जानकारी मिलेगी बारकोड के अंदर

बारकोड के अंदर दवा का नाम तथा उस दवा के जेनेरिक दवा का नाम, इसके अलावा ब्रांड का नाम, फार्मा कंपनी का नाम एवं पता, उस दवा का बैच नंबर, उस दिन का उल्लेख जिस दिन दवा का निर्माण किया गया हो, एक्सपायरी डेट, उस दवा को बनाने वाली कंपनी का लाइसेंस नंबर ये जानकारियाँ QR कोड में मौजूद रहेंगी। जिसे कोई भी ग्राहक आसानी से अपने मोबाइल के बार कोड रीडर से जानकारियो को पढ़ सकता है।

Anu Kumari

I specially review all the news articles before publishing. I love to write news article on health and beauty topics.