अब गांव में भी लोग भी बड़े पर्दे पर नई-नई रिलीज़ मूवी देख सकेंगे। लोगों को शहर आने की जरूरत नहीं पड़ेगी जैसे ही कोई नई मूवी रिलीज होगी ग्रामीण लोग गांव में ही देख सकेंगे। वैसे तो इस समय लगभग हर किसी के पास एंड्रॉयड फोन है लेकिन बड़ी स्क्रीन पर देखने के लिए गांव के लोगों को शहर के रूख करना पड़ता है। इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय के अधीन काम करने वाला कॉमन सर्विस सेंटर मध्यस्थ से अब गांव में भी सिनेमा हॉल खुलने जा रहा है।
मार्च 2024 तक ग्रामीण इलाकों में 10,000 खुलेंगे सिनेमा हॉल
आपको बता दे कि ग्रामीण इलाकों में सिनेमा हॉल खोलने की योजना है। 500 ग्रामीण इलाकों में 2024 के अंत तक 10,000 सिनेमा हॉल खोलने का लक्ष्य रखा गया है सिनेमा हॉल में 100 से 200 लोग आसानी से बैठ सकेंगे। सीएससी के द्वारा सिनेमा हॉल खोलने के लिए हाउस ऑफ अक्टूबर सिनेमाज नामक कंपनी के साथ बातचीत किया गया है। गांव में सिनेमा हॉल के खुलने से नई रिलीज होने वाली फिल्मों को लोग गांव में ही दिल सकेंगे इसके साथ ही लोगों को रोजगार की मिलेगा।
सीएससी के एमडी संजय कुमार राकेश के अनुसार सीएससी ग्रामीण उधमी और अक्टूबर सिनेमाज के मध्यस्थ वर्क करेगा दोनों की गारंटी सीएससी लेगा। लगभग 15 लाख रुपए 1 सिनेमा हॉल खोलने में खर्च होगा। इससे जुड़े जितने भी सारे उपकरण है उसे अक्टूबर सिनेमा और बीएलई संचालन करेगा।
सबसे पहले महाराष्ट्र और एनसीआर से शुरुआत होगी
सीएससी के एमडी अनुसार सिनेमा हॉल 100 मीटर से अधिक जगहों में खोलने की योजना है और निर्माण कार्य ग्रामीण उद्यमी से कराने की योजना है। महीने के अंत तक पायलट के तौर पर महाराष्ट्र के गांव और एनसीआर के गांव में एक एक सिनेमा हॉल खोलने की योजना है उन्होंने यह भी कहा कि 5000 ग्रामीण उद्यमियों ने गांव में सिनेमा हॉल खोलने में रुचि जताई है अगले साल मार्च तक 500 सिनेमा हॉल खोलने का फैसला लिया गया है जबकि वर्ष 2024 तक 10,000 और बाद में एक लाख सिनेमा हॉल खोलने की योजना है।