ख़ुशख़बरी- यूपी में लागु होगा लाइव इमरजेंसी मॉनिटरिंग सिस्टम, प्रदेश के सभी नागरिक को 48 तक फ्री में होगा ईलाज

समस्त उत्तर प्रदेश वासियों के लिए बड़ी अच्छी खबर आ रही है योगी आदित्यनाथ की सरकार ने आज एक बड़ा घोषणा किया है जिसकी सराहना प्रदेश का हर नागरिक कर रहा है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में अब किसी भी नागरिक की जान पैसे के अभाव में नहीं जाएगी क्योंकि योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अब लाइव इमरजेंसी मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करने जा रही है जिसके अंतर्गत इमरजेंसी में मरीज को 48 घंटे तक मुफ्त इलाज किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में पहली बार लाइव इमरजेंसी मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किया जाएगा जिसके लिए 3 हजार करोड़ रूपये पर खर्च होंगे। यह घोषणा करके सरकार ने यह साबित कर दिया कि वह गरीब के लिए काम कर रही है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारी की जा रही है। बता दें कि सरकार एक जिला, एक मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ कई योजनाओं पर काम कर रही है, वही लाइव इमरजेंसी मॉनिटरिंग सिस्टम भी लागू करने जा रही है। कोविड कमांड सेंटर के तर्ज पर इंटीग्रेटेड ट्रमा और ट्रमा इमरजेंसी मेडिसिन सेंटर की स्थापना कि जाएगी। इस सेवा के तहत एक कॉल पर इमरजेंसी में एंबुलेंस पहुंचेगी और इलाज शुरू कर दिया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार ऐसी व्यवस्था लागू करने वाला देश का पहला राज्य उत्तर प्रदेश है।

 

खर्च किये जाएंगे,

इस योजना पर सरकार 3000 करोड रुपए  5 वर्षों में खर्च करेगी। मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि 1614 करोड़ रुपए सबसे अधिक आधारभूत सुविधाएं विकसित करने के लिए खर्च किए जाएंगे। वही ट्रमा , ट्रमा, मेडिसिन रोगियों के मुफ्त इलाज में हर साल 550 रुपए खर्च होगा, एंबुलेंस सेवा पर करीब 300 करोड़ पर खर्च होंगे और एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम की 750 एम्बुलेंस खरीदी जाएंगी। बता दें कि 165 करोड रुपए एंबुलेंस संचालन, प्रशिक्षित स्टाफ के वेतन, और प्रशिक्षण पर भी खर्च किए जाएंगे। यही कॉल सेंटर, कमांड सेंटर, सॉफ्टवेयर के संचालन तथा मरम्मत के लिए 1 साल में 125 करोड़ खर्च की अनुमान है।

 

अधिकारियो का कहना है

बता दें कि चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के अनुसार लाइव इमरजेंसी मॉनिटरिंग सिस्टम उत्तर प्रदेश में लागू करने के लिए चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। वही उनका कहना है कि इमरजेंसी रोगी के जीवन के लिए शुरुआत के 48 घंटे बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं जिसको देखते हुए पहले 48 घंटे तक रोगियों को निशुल्क उपचार उपलब्ध कराने का योजना है। इस व्यवस्था के लागू होने से हर गरीब को बड़ी ही राहत मिलेगी।

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