यूपी-बिहार को जोड़ेगी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, मिल गई मंजूरी, खर्च होंगे 2726 करोड़, देखिये पूरी योजना

उत्तर प्रदेश को अब दिल्ली और बिहार तक कनेक्टिविटी और मजबूत करने की तैयारी शुरू हो चुकी है। बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए सड़कों और एक्सप्रेस-वे का जाल बिछा रही है और इसी के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिले गाजीपुर से बलिया तक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की सौगात मिली है।

मीडिया खबर के अनुसार आपको बता दें कि बलिया से लखनऊ, दिल्ली और बिहार तक कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना में एनएचएआई ग्लोबल टेंडर किया है वही इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण हो जाने से यूपी कि बिहार से कनेक्टिविटी औरअच्छी हो जाएगी इसके साथ ही रोजगार के भी नए अवसर उपजेँगे।

इस एक्सप्रेसवे का निर्माण चार फेजों में होगा

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 134 किलोमीटर से अधिक लंबाई वाली ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना चार फेजों में निर्माण होगी, वही इसके लिए अलग-अलग निर्माण एजेंसी भी होंगी। सभी चारों फेजो के निर्माण कार्य लगभग 2726 करोड़ से अधिक रुपयों की लागत से होगी। बता दे कि इस के निर्माण कार्य पूरा करने के लिए 15 से 20 महीनों की समय तय की गई है। खबर के अनुसार इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 60 मीटर होगी, वही 31 अगस्त तक कंपनी चयन की प्रक्रिया पूरी होगी।

नितिन गडकरी ने दी स्वीकृति
खबर के अनुसार ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पहले फेज में गाजीपुर में हृदयपुर से शाहपुर तक किया जाएगा, इस एक्सप्रेस-वे को गाजीपुर के उत्तर पुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से भी जोड़ने की योजना है और इसके लिए डबल ट्रंप भी बनेंगे। यहां पर वाहन चढ़ेंगे और उतारे जाएंगे जो बलिया शहर से लगभग 34 किलोमीटर दूरी पर होगी। भीम अधिग्रहण के लिए शासन के द्वारा ई टेंडर कर दिया गया है यहां तक की जिले के 36 गांव की मुआवजा दरें भी तय हो चुकी हैं और अच्छी बात यह है कि सड़क परिवहनमंत्रालय नितिन गडकरी ने एक्सप्रेस वे की डिजाइन को हरी झंडी दे दी है। टोंस नदी पर चितबड़ागांव में एक फूल भी बनाया जाएगा। करीब-करीब 500 करोड़ रुपए आवंटितभी हो चुके हैं। हाईवे के किनारे हरे-भरे पेड़ पौधे भी लगाए जाने की योजना है इसके लिए अलग से धनराशि स्वीकृत है।

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे हरे भरे इलाकों से गुजरेगा
आपको बता दे कि ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे जैसा नाम वैसे ही यह एक्सप्रेस वे हरे भरे इलाकों से होते हुए गुजरेगा। बता दे कि ऐसी जगह जहां पहले कभी सड़क नहीं रही और इसके लिए कोई बिल्डिंग या सड़क तोड़ने का झंझट भी नहीं रहता, इन्हें ग्रीन कॉरिडोर कहा जाता है।

एक नजर में ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना

फेस पहला- हृदयपुर से शाहपुर
लंबाई- 42.50 किलोमीटर
लागत 838.22 करोड़ स्वीकृति

दूसरा फेज – शाहपुर से पिंडारी

लंबाई 35.65 किलोमीटर
लागत- 780.37 करोड़ स्वीकृत

तीसरा फेज- पिंडारी से रिविलगंज बाईपास
लंबाई- 38.37 किलोमीटर
लागत- 799.81 करोड़ स्वीकृत

चौथा फेज- बक्सर के मुख्य मार्ग तक
लंबाई-17.27 किलोमीटर
लागत- 308.30 करोड़ स्वीकृत

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