बिहार सरकार की नई पहल, नई व्यवस्था के तहत बिहार की सोलर लाइटों का चोरी होना होगा मुश्किल

बिहार वासियों के लिए एक खुशखबरी है, ऐसे तो बिहार सरकार द्वारा बिहार के कई गांवों में सोलर लाइट लगाने की योजना पर काम चल ही रहा है । लेकिन इस बार हम जिस खुशखबरी की बात कर रहे हैं वह सोलर लाइट से जुड़ा जरूर है लेकिन इस बार सोलर लाइट लगाने की योजना में कुछ नयापन लाया गया है। विस्तार पूर्वक बताएं तो बिहार सरकार द्वारा गांव में सोलर लाइट लगाने की योजना में सुधार कर फिर से सोलर लाइट लगाया जाएगा, क्योंकि जानकारों की माने तो पिछली बार जब इस योजना के तहत बिहार के गांवों में सोलर लाइट लगाई गई थी तो कुछ ही समय बाद सभी सोलर लाइटों के फंक्शन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पाई गई थी। मुखिया जी ने तो अपने घर और  चहेतो के घर में सोलर लाइट लगवा दी थी पर बताया जा रहा है कि कई इलाकों में तो ऐसी घटिया क्वालिटी की सोलर लाइटें लगाई गई जो 10 दिनों तक भी नहीं टिक पाई । इस बार इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए पुरानी ही योजना को फिर से सुधार कर सोलर लाइट लगाने का काम शुरू किया जाएगा ।

# बढ़ाई गई सोलर लाइट के बैटरी की सिक्योरिटी
खबर के अनुसार इस बार के योजना के तहत जिन सोलर स्ट्रीट लाइटों को गांव में लगाया जाएगा, उनके बैटरी के लिए एक नई व्यवस्था की गई है जिसके तहत अगर सोलर स्ट्रीट लाइट की बैटरी चोरी भी हो जाती है तो भी उसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा । नई व्यवस्था के तहत चुराई हुई बैटरी अगर दूसरे जगह पर लगाई जाती है तो उसी समय नियंत्रण कक्ष को लोकेशन के साथ यह मैसेज आ जाएगा कि उसे किस लोकेशन पर लगाया गया है।

अधिकारियों से हुई बातचीत में पता चला कि अक्सर ग्रामीण इलाकों में यह शिकायतें रहती हैं कि बैटरी या फिर पैनल ही खोलकर निकाल लिए जाते हैं ।इस बार की योजना के तहत ग्रामीण सोलर लाइटों में जो तकनीकी व्यवस्था की गई है उसमें सोलर लाइट की बैटरी को लाइट के होल्डर के सामने अंदर ही लगा दिया गया है। जिसके कारण अब अगर कोई सोलर लाइट की बैटरी खोलना चाहे तो उसे पहले पूरे सिस्टम को खोलना पड़ेगा ।इसके अलावा सिक्योरिटी के नजरिए से बैटरी पर 3 डिजिट का एक यूनिक आईडी कोड लगाया जाएगा। जिसके माध्यम से बैटरी के चोरी होने के केस में मुख्यालय के नियंत्रण कक्ष को यह पता चलेगा कि वह बैटरी किस जिले, पंचायत व गांव के सोलर लाइट की है एवं उसे चुराने के बाद कहां लगाया जा रहा है ।

# सोलर लाइट से जुड़े कंप्लेंट पर तुरंत लेने होंगे एक्शन
बैटरी की सिक्योरिटी के तकनीकी व्यवस्था के अलावा एक अन्य तकनीकी व्यवस्था की गई है कि अगर किसी जिले पंचायत या गांव के स्ट्रीट लाइट के पोल पर लाइट नहीं जल रही तो उसकी सूचना तुरंत ही नियंत्रण कक्ष को मिल जाएगी । इसके बाद जिस कंपनी के पास संबंधित गांव के सोलर स्ट्रीट लाइट की जिम्मेदारी रहेगी उसे 72 घंटों के अंदर ही सोलर स्ट्रीट लाइट की गड़बड़ी को ठीक करना होगा। दिलचस्प यह है कि संबंधित एजेंसी को भुगतान भी स्ट्रीट लाइट जलने पर ही होगा। स्ट्रीट लाइट का सामान क्रय के लिए 40 प्रतिशत, उसे लगाने पर 30 प्रतिशत तथा शेष 30 प्रतिशत रख रखाव व स्ट्रीट लाइट के काम करने पर मिलना है।

# किस प्रकार मुख्यालय को मिलेगा स्ट्रीट लाइट का डाटा
तकनीकी तौर पर यह व्यवस्था है कि हर दो घंटे पर एक-एक स्ट्रीट लाइट का डाटा मुख्यालय स्थित नियंत्रण कक्ष पहुंचेगा। इसके माध्यम से 29 तरह का डाटा आएगा। इससे पता चलेगा कि स्ट्रीट लाइट कब जली, उसका वोल्टेज सही था या नहीं और बैट्री की क्या स्थिति है। इस तकनीक से ऊर्जा बचत की भी जानकारी मिलेगी।

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