गोरखपुर से दुबारा दौड़ने को तैयार हुआ पैसेंजर ट्रेन, COVID से ही बंद था परिचालन

रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर यह है कि अब रेलवे बोर्ड ने सभी पैसेंजर ट्रेनों को चलाने की अनुमति दे दी है। खासकर अयोध्या और वाराणसी जाने वाले श्रद्धालुओं व लोकल रूट पर चलने वाले लोगों के लिए राहत भरी खबर है। रेलवे बोर्ड ने गोरखपुर-अयोध्या, गोरखपुर-वाराणसी, गोरखपुर-गोंडा और गोरखपुर-नौतनवा सहित सभी पूर्वोत्तर रेलवे की सभी पैसेंजर ट्रेनों को संचालित करने की अनुमति दे दी है। कोविडकाल से निरस्त यह ट्रेनें अगले सप्ताह से फिर से चलने लगेगी।

 

लेकिन यात्रियों को देना होगा एक्सप्रेस का किराया

इन ट्रेनों को दोबारा संचालित करने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। यात्रियों को अब केवल एक्सप्रेस ट्रेन का ही किराया देना होगा। यानी, 15 की जगह न्यूनतम 30 रुपये किराया लगेगा। राम मंदिर का शिलान्यास हो जाने के बाद गोरखपुर-अयोध्या चलने वाली पेसेंजर ट्रेन की मांग बढ़ गई थी।

 

इन रुटों पर भी चलेगी पैसेंजर ट्रेन

स्थिति सामान्य होने के बाद गोरखपुर से बस्ती, बढ़नी, नौतनवा, नरकटियागंज, कप्तानगंज, सिवान और छपरा रूट की कुछ पैसेंजर ट्रेनें तो चलने लगी थीं, लेकिन गोरखपुर-अयोध्या जाने वाली पैसेंजर सहित दर्जन भर ट्रेनों को हरी झंडी नहीं मिल रही थी। पूर्वोत्तर रेलवे बोर्ड ने अब गोरखपुर से पुरी तक के लिए नई ट्रेन को हरी झंडी दे दी है। नई ट्रेन अब वाराणसी या पाटलिपुत्र के रास्ते होते हुए चल सकती है। 15 जुलाई के बाद रूट पर जाने की सहमति मिल सकती है।

 

पूर्वोत्तर रेलवे वाणिज्य विभाग और रेलवे सुरक्षा बल की संयुक्त टीम ने शनिवार को गोरखपुर जंक्शन पर संयुक्त टिकट जांच करने का अभियान भी चलाया। इस दौरान 528 लोग बिना टिकट सफर करते पकड़े गए। पकड़े गए लोगों से 3.19 लाख रुपये जुर्माने के रूप मे वसूली की गई। स्टेशन डायरेक्टर आशुतोष गुप्ता के अनुसार यह अभियान आगे भी ऐसे जारी रहेगा। रेलवे बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे की सभी पैसेंजर ट्रेंनों को चलाने की हरी झंडी यानी अनुमति दे दी है। यह पैसेंजर ट्रेन कोविडकाल में निरस्त हो गयी थी। अब इसको फरसे चलाने से यात्रियों की राह आसान हो जाएगी।

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