दुःखद घटना, बेबस हुआ बेटा, आँखों के सामने टूट गई पिता की सांसे, अस्पताल ले जाते समय कीचड़ में फंसा बैलगाड़ी

जीवन को बयां करने वाली एक ऐसी घटना चित्रकूट से आ रही है खबर ऐसी कि सुनकर किसी की भी आंखें नम हो जाएगी। यह एक ऐसी घटना घटी है जिसका जवाब शायद ही किसी के पास होगा। जरा सोचिए की बेटा के सामने ही पिता की सांसे टूट जाए तो बेटे के ऊपर क्या गुजरेगा। दरअसल आपको बता दे कि यह दुखद खबर चित्रकूट के मिश्रन पुरवा गांव की है,जहां एक बीमार पिता को बैलगाड़ी पर लेकर बेटा अस्पताल ले जा रहा था। लेकिन रास्ते में ही पिता की सांसे टूट गई, क्योंकि बैलगाड़ी का पहिया कच्चे रास्ते की कीचड़ में फस गया था। अस्पताल ले जाते समय बैलगाड़ी के पहिया कच्चे रास्ते के कीचड़ में फस गया जिसके बाद बेटे ने जीतोड़ मेहनत पहिये को निकालने में लगाता रहा लेकिन उसी समय पिता की मौत हो गई।

बेबस हुआ बेटा, आँखों के सामने टूट गई पिता की सांसे-
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मानिकपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत चरदहा का मिश्रन पुरवा गांव में छह घर है गांव में 4 अनुसूचित जाति और दो ब्राह्मण परिवार रहता है। इसी गांव के 60 वर्षीय प्रीतम जो पुराने स्वास संबंधी रोगी थे जिनकी तबीयत रविवार को हो गई थी। इसी बीच जिले में बारिश भी हुई थी। बीमार पिता को पुत्र राम मूरत अस्पताल बैलगाड़ी पर लेकर जा रहे थे। गांव के बाहर कच्चे रास्ते में कीचड़ था जहां बैलगाड़ी का पहिया फंस गया। बैलगाड़ी का पहिया कीचड़ में फंसने की वजह से बैल भी खींच नहीं पा रहे थे। पुत्र राम मूरत पहिया को निकालने में जी जान के साथ धक्का लगा रहे थे लेकिन पहिया नहीं निकाल पाए। इसी बीच पुत्र के आंखों के सामने ही पिता की मौत हो गई।

आपको बता दें कि चित्रकूट का मिश्रन पुरवा गांव चकबंदी का शिकार है जिसके वजह से अभी तक रास्ता नहीं बन पाया है। यह गांव चकबंदी की मार से गुजर रहा है जिसके कारण रोडो की नापी जोकि नहीं हुई है। किसान और लोग पगडंडी के सहारे आते और जाते हैं। गांव के लोग मुख्य सड़क से लगभग ढेड़ किलोमीटर कच्चे रास्ते से आते जाते हैं। यहाँ बीमार लोगों को चारपाई या बैल गाड़ी से लेकर जाते हैं।

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