क्या कभी इंसान को चूहे पालते हुए देखा है, केरल का ऐसा शख्श जो पिछले सात सालो से पाल रहा चूहे

अपने भारत में वैसे तो ट्रेनिंग न्यूज़ की कमी नहीं है उन सभी ट्रेनिंग न्यूज़ में हम आपके साथ एक ऐसा न्यूज़ शेयर करने जा रहे हैं जिसको पढ़ने के बाद आप भी चौंक जाएंगे। किसी महापुरुष ने कहा था कि अगर किसी देश के बारे में जानना है तो वहां के लोग जानवरों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं उनसे ही पता चल जाता है। वैसे तो जानवरों के साथ इंसानों का प्रेम तो आपने बहुत सुना होगा , ज्यादातर लोग बिल्ली ,कुत्ता ,तोता यही सब पालते आ रहे हैं लेकिन क्या कभी किसी इंसान को चूहों को पालते हुए सुना है। हम आपको बता दें कि केरल का एक ऐसा शख्श जो पिछले छ से सात  सालों से चूहों का पालते  आ रहा है। चूहों का पालन करने वाले शख्स का नाम फिरोज खान है। क्या आपने इससे पहले कहीं चूहों को पालते हुए किसी इंसान को देखा था।

केरल के कुंडाई थोड़े जगह के रहने वाले फिरोज खान बताते हैं कि उनके पास लगभग एक हजार चूहे मौजूद है। पिछले 7 सालों से चूहों पर खोज किया है । फिरोज खान के पास 9 तरह के विदेशी नस्ल के चूहे मौजूद हैं और इन चूहों का रंग कई तरह का है जैसे सफेद, काला, भूरा और भी कई रंग के चूहे इनके पास है। चूहों के प्रति इतना प्रेम इनके पास देखा जा सकता है। इन चूहों का उछल कूद अगर देखना है तो इनके घर पर जाकर इस का लुफ्त उठा सकते हैं।

फिरोज खान आगे बताते हैं कि चूहों को खाने के लिए भी स्पेशल इंतजाम करके रखा है इन चूहों को खिलाने के लिए अनाज के दाने, फल और सब्जी देते हैं। चूहों को पालने में इनका पत्नी और बेटे भी बढ़-चढ़कर मदद करते हैं। इनके पत्नी और बेटे का देखभाल अच्छे से करते है। इन चूहों को खेलने के लिए भी पिंजडो  में खिलौने का भी इंतजाम किया गया है जिस पर हो उछल कूद कर सकें। खान ब्रीडिंग सेंटर से जो लोग चूहे खरीदने के लिए आते हैं उन्हें फिरोज खान बैठा करके अच्छे से समझाते हैं तब उनको चूहे देते हैं।

खान बताते है कि चूहों के पालने का शौक इनका 7 साल पहले जगा था उस समय इनका कोई दोस्त विदेशी नस्ल के कुछ चूहे चूहा गिफ्ट किया था और तभी से इन चूहों का पालन पोषण करते आ रहे हैं। चूहों के ब्रीडिंग  के मामले में इनका रिसर्च इतना पक्का अभी नहीं हो पाया है। जो कस्टमर इनके पास चूहे खरीदने के लिए आते हैं उनको अच्छी तरह गाइड करने के लिए अभी और रिसर्च करना बाकी है।

अगर देखा जाए तो चूहों का ब्रीडिंग  का टाइम उन्नीस से 21 दिन का होता है और वही लगभग दस  से 18 चूहों का जन्म होता है फिरोज खान के अनुसार देसी नस्ल के अपेक्षा विदेशी नस्ल के चूहे इंसानों के साथ बहुत ज्यादा सफ्रेंडली  होते है।  चूहों के अलावा खान यह चिकन, बटेर और बतख की  भी पालन पोषण का काम करते हैं। फिरोज खान को लगता है कि चूहों को पालने का भी ट्रेंड धीरे धीरे शुरू हो जाएगा,जो की अभी बहुत से इससे अनजान है लेकिन  बहुत से लोगों ने चूहों को पालन करना भी शुरू कर दिया है।

फिरोज बताते हैं कि चूहों को पालने को लेकर अच्छा फायदा वाला फ्यूचर बताते हैं।गिफ्ट मिले कुछ चूहों को  पालते पालते हैं आज 9 तरह के विदेशी नस्ल के एक हजार  से ज्यादा चूहे पाल रहे हैं। फिरोज का जानवरों के प्रति उनका प्यार बखूबी देखा जा सकता है।

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