अच्छी खबर-गोरखपुर की ये सड़के जल्द होंगी गड्ढा मुक्त, खर्च होंगे 88 लाख रूपये, जानिए पूरी योजना

गोरखपुर वासियों के लिए अच्छी खबर है बता दे कि गोरखपुर की सड़क जल्दी गड्ढा मुक्त हो जाएंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद योजना तैयार किया जा रहा है। बता दें कि गोरखपुर विकास प्राधिकरण सीएम आदेश के अनुपालन में बारिश से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों को 15 नवंबर तक गड्ढा मुक्त करने का कार्य करेगा। इसके लिए लगभग 88 लाख रुपए का एस्टीमेट तैयार हुआ है। जल्द ही टिंडर करा कर सड़कों के मरम्मत का कार्य शुरू किया जाएगा।

खबर के अनुसार तारामंडल एरिया की बुद्ध विहार, अमरावती टावर योजना, सिद्धार्थ पुरम विस्तार, सिद्धार्थ पुरम एनक्लेव की सड़कों को भारी क्षति पहुंची है, जिसके चलते आवागमन में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर के बताने के अनुसार, उनके द्वारा सर्वेक्षण कराया है बुद्ध विहार, अमरावती टावर योजना, सिद्धार्थपुरम बिस्तार, सिद्धार्थ पूरम एनक्लेव सड़कों के सर्वेक्षण के बाद 23 पैच मिले हैं जिन्हें यथा शीघ्र मरम्मत करने के लिए अधिशासी अभियंता को निर्देशित किया गया है। अधिशासी अभियंता किसान सिंह के अनुसार सड़कों की मरम्मत के लिए जल्द ही टेंडर की प्रक्रिया होगी। सड़कों की मरम्मत के लिए प्रशासन की कोशिश है कि 15 नवंबर तक इसे पूरा कर लिया जाए।

इन सड़कों पर आवागमन है मुश्किल

जटाशंकर चौराहे की सड़क पर बारिश के कारण सड़कों में गड्ढे हो गए हैं इस सड़क पर वाहनों का काफी दबाव है। वही दोपहिया वाहन चलाने में भी मुश्किल उठाना पड़ रहा है।

गोरखपुर शहर के हृदय स्थल गोलघर की सड़क पर भी गड्ढे हो गए हैं, बलदेव प्लाजा के समक्ष सड़क पर उखड़ी गिट्टियां  दोपहिया वाहनों को जरा सी असावधानी पर घातक साबित हो सकती है।

खजांची चौराहा से बरगदवा जाने वाले मार्ग पर स्पोर्ट्स कॉलेज के समक्ष सड़क में बने गड्ढे दो पहिया वाहन से लेकर चार पहिया वाहनों को भी परेशान कर देते हैं। सड़कों पर बने गड्ढे कभी कभी जाम के भी कारण बन जाते हैं।

गोलघर में ही इंदिरा बाल बिहार के समक्ष भी क्षतिग्रस्त सड़क मरम्मत करना अति आवश्यक है। इस सड़क में भी काफी गड्ढे बन गए। आवागमन में मुश्किल हो रहा है।

रुस्तमपुर से मिर्जापुर- लालपुर टिक्कर जाने वाले सर्वाधिक व्यस्त मार्ग पर चिल्मापुर के पास क्षतिग्रस्त सड़क पर रात में चलने पर हर छड़ खतरे की घंटी बजती रहती है। इस सड़क पर बारिश के पानी से गड्ढे  भर जाते हैं और इन गड्ढों का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है।

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