वाराणसी में इलेक्ट्रिक वाहनों से रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं फिलहाल के समय में इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने का ज्यादा जोर दिया जा रहा है ऐसे में सिर्फ ई रिक्शा की बात करें तो मालिक और चालक के साथ ही चार्जिंग स्टेशन खोलने वाले लोगों को काफी लाभ हो रहा है। देखा जाए तो हर जगह हर शहर में प्रदूषण को रोकने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने पर जोर दिया जा रहा है। वाराणसी शहर में 50 से अधिक निजी चार्जिंग स्टेशन खोला जा चुका है।

आपको बता देंगे शिवपुरवा में एक, शिवाजी नगर में दो, लहरतारा में तीन, मडुवाडीह में दो, लंका स्थित घाट क्षेत्र में एक, अस्सी घाट पर दो वही भेलूपुर में एक चार्जिंग स्टेशन है। इसके अलावा भी कई जगहों पर इसका व्यवसाय चल रहा है। शहर की बात करें तो यहां पर करीब-करीब 3000 से ज्यादा ई-रिक्शा चलते हैं आपको बता देंगे एक ई रिक्शा की बैटरी चार्ज करने में लगभग 6 से 7 घंटे लग जाते हैं। जबकि इस दौरान 9 यूनिट की बिजली लगती है। जबकि व्यवसायिक बिजली रेट की बात करें तो बिल का रेट 8.50 रुपए प्रति यूनिट है। ई रिक्शा चालक रोज अपने मालिक को ₹400 किराया देते हैं और चालक हजार 12 सौ के आसपास रोज कमाई कर लेते हैं। ई रिक्शा की बैटरी की चार्जिंग के लिए ₹90 चार्ज किए जाते हैं।

ई-रिक्शा को लेकर उत्तर प्रदेश में 2 महीने पहले ही नियमावली जारी किया गया है जिसमें यह बात सामने आई कि वाहन के मालिक को कनेक्शन के लिए टाइप-11 में आवेदन करना होगा। यह कनेक्शन व्यवसायिक बिजली श्रेणी में आता है। इस योजना के तहत आधा किलो वाट से लेकर 10 किलो वाट या इससे भी ज्यादा क्षमता वाला कनेक्शन उपभोक्ता को दिया जाता है और वही बाकी कनेक्शन को अवैध माना जाता है।

Rajan Sharma

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