बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के बाद चित्रकूट के टेबल टॉप एयरपोर्ट भी बनकर तैयार हो गया है। बहुत जल्द ही यहाँ से हवाई जहाज उड़ान भरने में लगेंगी। बता दें कि इस एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग और रनवे बनकर तैयार हो चुका है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन महोत्सव के दौरान हवाई सेवाएं जल्द ही शुरू करने की बात कही थी लेकिन अभी इस एयरपोर्ट को लाइसेंस नहीं मिला है। एयरपोर्ट के लिए पहुंच मार्ग में भी वन विभाग का अड़चन है इसे अभी तक एनओसी भी नहीं दिया है। उम्मीद की जा रही है कि यह दोनों काम एक से डेढ़ महीने में कर लिए जाएंगे।

बुंदेलखंड का धार्मिक पर्यटन हब बनाने की है तैयारी-आपको बता दें कि प्रभु श्री राम की तपोभूमि को बुंदेलखंड का धार्मिक पर्यटन स्थल बनाने को प्रदेश सरकार ने ठान लिया है। इसलिए चित्रकूट सहित प्रदेश के अन्य जिलों में पर्यटन के तमाम विकास करवाया जा रहा है। बीते 16 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे को आम जनता को सौंप दिया है। चित्रकूट समेत बुंदेलखंड के सभी जिले दिल्ली मथुरा आगरा जैसे महानगरों से सड़क के माध्यम से जुड़ गए हैं। बुंदेलखंड को आने वाले पर्यटक इस रोड से सीधा आ सकेंगे। अब चित्रकूट को सरकार द्वारा दिल्ली-लखनऊ से हवाई मार्ग से जल्दी जोड़ दिया जाएगा।

चित्रकूट एयरपोर्ट का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है,एटीसी टावर, टर्मिनल बिल्डिंग, यात्री प्रतीक्षालय, पार्किंग बनाए जा चुके हैं, स्केनर मशीन भी के साथ-साथ बिजली पानी और सुरक्षा का भी व्यवस्था कर दिया गया है। यहां तक कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी भारतीय विमानन पत्तन प्राधिकरण को सरकार ने हैंडोवर भी कर दिया है। इस एयरपोर्ट संचालन को लेकर 30 साल का अनुबंध हुआ है।

 

सुरक्षा कर्मियों की हुई तैनाती-केंद्र सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत चित्रकूट से उड़ानों का संचालन किया जाएगा। इस एयरपोर्ट के लिए प्रदेश सरकार ने एरोड्रोम लाइसेंस बनवाने के लिए डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन यानी डीजीसीए में आवेदन कर दिया है, लाइसेंस मिलते ही उड़ान भरने का रास्ता साफ हो जाएगा। बता दें कि डीजीसीए किसी भी वक्त यहां पर निरीक्षण करने के लिए आ सकती है जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने एयरपोर्ट पर सुरक्षा बढ़ा दिया है।

 

जाने क्या होता है टेबल टॉप एयरपोर्ट- डीएम के अनुसार टेबल टॉप रनवे पहाड़ी की चोटी को काटकर बनाया जाता है। एयरपोर्ट पहाड़ी पर होने के कारण में रनवे एंड सेफ्टी एरिया भी कम होता है एयरपोर्ट पहाड़ के शीर्ष पर होने के कारण कई बार एक तरफ या कई बार दोनों तरफ गहरी डाल होती है चित्रकूट के एयरपोर्ट पर एक छोर पर डाल है, जितनी अच्छी इसकी रनवे दिखती है यहां लैंडिंग भी उतना ही जोखिम भरा होता है ऐसे एयरपोर्ट पर लैंडिंग और टेक ऑफ के दौरान बहुत सावधानियां बरतने की जरूरत पड़ती है। बता दें कि देश में छह टेबल टॉप एयरपोर्ट है और चित्रकूट सातवा टेबल टॉप एयरपोर्ट है जो प्रदेश का एकलौता एयरपोर्ट है।

 

पहले चरण में 20 सीटर एयरपोर्ट भरेंगे उड़ान

आपको बता दें कि लखनऊ और दिल्ली के लिए 20 सीटर प्लेन चित्रकूट से पहले चरण में उड़ान भरने की तैयारी की जा रही है। वहीं दिन में उड़ान एक बार ही संचालित करने की उम्मीद है। यात्रियों की संख्या बढ़ेगी तो भविष्य में उड़ानों के फेरे भी बढ़ा दिए जाएंगे।

Rajan Sharma

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