# मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए अब निजी तालाबों के लिए भी मिलेगा अनुदान, लाभार्थियों का चयन ऑनलाइन से होगा

 

ऑनलाइन आवेदन प्राप्त होंगे। प्राप्त आवेदनों की सूची जिला मत्स्य अधिकारी द्वारा दी जाएगी। लाभार्थियों का चयन उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा संबंधित दस्तावेजों की जांच के बाद किया जाएगा।

 

बिहार सरकार निजी तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए किसानों को अनुदान भी देगी। बिहार में मछली उत्पादन बढ़ाने और किसानों को इसके बारे में जागरूक करने के लिए पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने इस योजना को मंजूरी दे दी है। जीर्णोद्धार के लिए छह लाख रुपये प्रति हेक्टेयर निर्धारित किया गया है, जिसमें से 40 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति एवं जनजाति को तथा 30 प्रतिशत अन्य वर्गों के हितग्राहियों को दिया जायेगा। अनुदान दो किश्तों में दिया जाएगा। शेष राशि लाभार्थी द्वारा स्वयं या बैंक ऋण लेकर खर्च की जाएगी।

 

# 2022-23 में 150 हेक्टेयर निजी तालाब के जीर्णोद्धार का लक्ष्य

विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इस योजना के तहत दैनिक समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित कर ऑनलाइन आवेदन प्राप्त होंगे। प्राप्त आवेदनों की सूची जिला मत्स्य अधिकारी द्वारा दी जाएगी। लाभार्थियों का चयन उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा संबंधित दस्तावेजों की जांच के बाद किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 150 हेक्टेयर निजी तालाबों के जीर्णोद्धार का लक्ष्य है, जिस पर 30 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है। तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए जिलेवार लक्ष्य भी निर्धारित किए गए हैं। विभाग ने यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री के सात निर्णय-2 में प्रावधान किया गया है कि मछली उत्पादन की पूरी श्रृंखला पर काम किया जाएगा। मछली का उत्पादन इतना बढ़ाया जाएगा कि बिहार की मछलियां दूसरे राज्यों में चली जाएंगी। इससे राज्य के मछली पालकों की आय में वृद्धि होगी। इसी संकल्प के तहत उक्त योजना को क्रियान्वित किया जा रहा है।

 

# राज्य में 38 हजार निजी तालाब हैं

विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि प्रदेश में सरकारी व निजी तालाबों की संख्या 98 हजार है। इनमें से 60 हजार सरकारी और 68 हजार निजी क्षेत्र में हैं। निजी क्षेत्र में तालाबों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बाढ़ प्रभावित राज्य होने के कारण तालाब गाद से भर जाते हैं और बांध क्षतिग्रस्त हो जाता है। इससे मछली उत्पादन पर विपरीत असर पड़ता है।

Kush Singh

I write and review news over Kanpuriya News. My focus is to bring people near positive and genuine news only.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *