बिहार सरकार छात्रों के लिए एक नई सौगात लेकर आई है। बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम से तो लगभग हम सभी अवगत हैं, अब इस स्कीम में नए और 23 कोर्स को जोड़ने का ऐलान बिहार सरकार ने कर दिया है। यहां बात उन कोर्स की हो रही है, जिनसे संबंधित पढ़ाई के लिए छात्र लोन ले सकेंगे। वर्तमान स्थिति की बात करें तो इस योजना के तहत लगभग 42 तरीके के कोर्स मौजूद हैं, जिनके पढ़ाई के लिए छात्रों द्वारा लोन लिया जाता है। सूत्रों से मिली खबर के अनुसार शिक्षा विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव जारी कर दिया है, जिसे जल्द ही सरकार द्वारा मंजूरी मिलने की संभावना है।

 

अधिकारिक सूत्रों की मानें तो स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम से 23 और विषयों को जोड़ने के बाद शायद ही उच्च शिक्षा से संबंधित कोई ऐसा कोर्स हो, जो इसके दायरे में ना आए। दरअसल आपको बता दें कि इस योजना के तहत शिक्षा विभाग ना सिर्फ पेशेवर कोर्स के लिए आने वाली पीढ़ी को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि इससे राज्य के सकल नामांकन अनुपात को बढ़ावा देने में भी काफी मदद मिलेगी। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते ही योजना से जुड़े जिला स्तर के अधिकारियों के साथ बैठक की गई, जिसमें उन लोगों से स्कीम को लागू करने में आ रही बाधाओं के बारे में चर्चा की गई। जिसके बाद उनके समाधान के लिए कार्य योजना तैयार हो रही है।

 

# इस योजना से कितने छात्रों को मिलेगा लाभ___

इस योजना से कितने छात्रों को लाभ मिल सकता है इसी संदर्भ में जल्दी ही जिला पदाधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित होने वाली है। अधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम में वित्तीय वर्ष 2022 – 23 में कुल एक लाख विद्यार्थियों को लोन देने का लक्ष्य है, जिसमें से वर्तमान में लगभग 15,000 आवेदकों ने आवेदन दे भी दिया है। बताया जा रहा है कि लोन मंजूरी की प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी है। बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम से जुड़े विशेषज्ञों के द्वारा तो इस योजना के संचालन के लिए अलग से राज्य स्टेट परियोजना प्रबंधन इकाई बनाने का सुझाव भी प्रस्तुत किया गया है।

 

# नैक : विवि को रिसर्च में सबसे अधिक 250 अंक__

बिहार के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रेडिशन काउंसिल (नैक) का ग्रेड पाने के के लिए पढ़ाई और अनुसंधान पर ज्यादा फोकस करना होगा । इसके तहत विवि को रिसर्च में सबसे अधिक 250 और कॉलेज को पढ़ाई पर सबसे ज्यादा 350 अंक मिलेंगे । गाइडलाइन के मुताबिक अच्छी बिल्डिंग और शिक्षकों की संख्या का नैक ग्रेड पाने में कोई निर्णायक भूमिका नहीं है । इधर, शिक्षा विभाग ने (नैक) का ग्रेड दिलाने के लिए विशेष मुहिम शुरू की दी है । विश्वविद्यालय वार नेक एक्रेडिशन की तैयारी के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है । बिहार उच्चतर शिक्षा परिषद के शिक्षा सलाहकार एन के अग्रवाल ने बताया कि नैक की गाइड लाइन में ग्रेडिंग के लिए 1000 अंक तय हैं ।

 

सर्वाधिक अंक अनुसंधान, इनोवेशन और एक्सटेंशन के लिए

विश्वविद्यालय को नैक ग्रेडिंग में सर्वाधिक एक-चौथाई 250 अंक अनुसंधान, इनोवेशन और एक्सटेंशन के लिए निर्धारित हैं । पाठ्यक्रम के पहलू तैयार करने पर 150 और पढ़ाना, सीखना और मूल्यांकन पर 200 अंक दिये जाने हैं । प्रो अग्रवाल के मुताबिक इस तरह बच्चों को पढ़ने, पढ़ाने, सिखाने, अनुसंधान और कुछ नया करने की प्रेरणा पर सबसे ज्यादा 600 अंक निर्धारित किये हैं । विवि को नैक गाइड लाइन के मुताबिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, लर्निंग, गर्वनेंस ,लीडरशिप, इंस्टीट्यूशनल वैल्यू और बेस्ट प्रैक्टिस आदि के लिए 400 अंक हैं । जहां तक कॉलेजों का सवाल है, उन्हें ग्रेडिंग में सर्वाधिक 350 अंक शिक्षण, सीखना और पढ़ाई के लिए निर्धारित है । पाठ्यक्रम और रिसर्च के लिए कुल 220 अंक हैं. शेष अंक स्टूडेंट सपोर्ट, इन्फ्रास्ट्रक्चर, गर्वनेंस, लीडरशिप, इंस्टीट्यूशन वैल्यू इत्यादि के लिए हैं ।

 

# कई विवि में दी जा चुकी है ट्रेनिंग___

नैक की ट्रेनिंग अभी तक वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, जेपी विवि, बीआरए विवि, एलएन मिथिला विवि और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में दी जा चुकी है । इसके अलावा राजकीय महिला महाविद्यालय में नैक की ट्रेनिंग दी जा चुकी है । कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को बताया जा रहा है कि बेहतर बिल्डिंग से ज्यादा क्लास में पढ़ाई, सिखायी और अनुसंधान पर दिया जाये । यह देखते हुए कि नैक का सबसे ज्यादा फोकस इन्हीं मुद्दों पर हैं । बिहार उच्चतर शिक्षा परिषद के शिक्षा सलाहकार एन के अग्रवाल ने कहा की बिहार के विश्वविद्यालयों को पढ़ाई और अनुसंधान पर ज्यादा फोकस करना होगा । अच्छी बिल्डिंग और शिक्षकों की संख्या का नैक ग्रेड पाने में कोई निर्णायक भूमिका नहीं है ।

Kush Singh

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