राज्य में होटल और रेस्तरां भोजन और नाश्ते के बिल में सेवा शुल्क जोड़ते हैं और यदि उपभोक्ताओं से कोई शिकायत मिलती है, तो जांच में दोषी पाए जाने पर होटल या रेस्तरां पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। इस संबंध में सरकार ने शुक्रवार को सभी जिलाधिकारियों को गाइड लाइन जारी कर दी है। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रधान सचिव विनय कुमार के मुताबिक, राज्य में होटलों और रेस्तरां में सेवा शुल्क लगाने पर रोक लगा दी गई है। यदि कोई होटल या रेस्तरां गलती से बिल में सर्विस चार्ज शामिल कर लेता है तो इसे उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन माना जाएगा। किसी अन्य नाम से ऐसी कोई वसूली नहीं की जा सकती है।

 

# भोजन के बिल के साथ सर्विस चार्ज लगाना अनुचित है

सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (सीसीपीए) की गाइड लाइन में साफ तौर पर कहा गया है कि कोई भी होटल या रेस्टोरेंट उपभोक्ता को सर्विस चार्ज देने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है। फूड बिल में सर्विस चार्ज जोड़ना और कुल रकम पर जीएसटी लगाना गलत है। उपभोक्ता इस तरह का बिल वसूलने वाले होटल या रेस्टोरेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है। यदि भोजन बिल से सेवा शुल्क हटाने का अनुरोध भी होटल या रेस्तरां द्वारा अस्वीकार कर दिया जाता है, तो उपभोक्ता तुरंत राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (1915) या मोबाइल ऐप के माध्यम से इसकी शिकायत कर सकता है।

 

# डीएम से भी कर सकते हैं शिकायत

इस शिकायत को मामला दर्ज करने के बराबर माना जाएगा। उपभोक्ता जांच और आगे की कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी के पास शिकायत भी दर्ज करा सकेंगे और संबंधित होटल या रेस्तरां पर प्रतिबंध लगाने के लिए जिलाधिकारी भी तत्काल कार्रवाई कर सकेंगे। साथ ही उपभोक्ता होटल या रेस्टोरेंट के खिलाफ उपभोक्ता आयोग में शिकायत भी दर्ज करा सकता है।

Kush Singh

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