गांव क्षेत्रों में हो रहे महिलाओं पर अत्याचार पर अब जल्द ही रोक लग सकेगा महिलाओं की सुरक्षा के लिए गांव में शक्ति परी का तैनाती किया जाएगा। दरअसल आपको बता दें ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे महिला अपराधों को रोकने के लिए शक्ति परी का तैनाती गांव में किया जाएगा। इसके लिए किसी महिला को भी थाना और चौकी का चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी बल्कि उनकी समस्याओं का समाधान गांव में ही समाधान किया जाएगा। शक्ति परी की मदद से महिला बिट की पुलिस अधिकारी उन लोगों को सबक सिखाएंगे जो महिलाओं को तंग करते हैं।

आइए आपको और विस्तार से बताते हैं आईजी मोहित अग्रवाल के बताने के अनुसार प्रदेश के पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को रोक लगाने के लिए बहुत ही अच्छी एक योजना तैयार किया है। इसके लिए जिले के तीन या चार बिटो को एक साथ मिलाकर एक महिला टीम बनाया जाएगा , जिसमें दो दो महिला बीट पुलिस अधिकारी बनाई जाएंगी। सभी थानों में महिला निरीक्षक, उप निरीक्षक, मुख्य आरक्षी इन सभी को मिलाकर एक टीम बनाया जाएगा जो बीट पुलिस अधिकारी के कार्यों का समीक्षा करेंगी।

आईजी के बनाने का अनुसार महिला बीट पुलिस अधिकारी गांव में जाएंगे और महिलाओं से सीधे बातचीत करेंगे यह अधिकारी गांव की चर्चित महिलाओं को शक्ति परी नाम से अपने साथ जोड़ेंगे। इन सभी महिलाओं के सहयोग से बीट अधिकारी उन लोगों को चिन्हित करेंगे जो कभी महिला अपराध में जेल गए या इनका नाम सामने आया हो। इनके अलावा भी उन लोगों को चिन्हित किया जाएगा जिन लोगों की वजह से महिला सुरक्षा पर खतरा हो। शक्ति परी और बीट अधिकारी के मीटिंग के लिए व बैठने के लिए गांव में पंचायत भवन या नवसृजित गांव सचिवालय में एक स्पेशल कमरा आरक्षित किया जाएगा। इस कमरा का नाम मिशन शक्ति कक्ष के नाम से रखा जाएगा। यहां आकर कोई भी महिला अपना शिकायत कर सकेंगे। सभी बीट अधिकारी एक या दो दिन ग्रामीण क्षेत्रों में 11:00 बजे से लेकर दोपहर 3:00 बजे तक रहेंगे और महिलाओ की समस्याओं को सुनेंगे।

Rajan Sharma

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