भारतीय रेलवे हर वह संभव प्रयास करती है जिससे कि यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त करवाई जा सके। फिर वह चाहे त्योहारों पर स्पेशल ट्रेनों का संचालन हो या फिर तीर्थ स्थलों की यात्राओं के लिए, अपनी हर नई योजनाओं के जरिए भारतीय रेलवे यात्रियों के दिलों को जीतने में हर बार कामयाब साबित होती आई है। इसी कड़ी में पूर्वोत्तर रेलवे की एक नई योजना सामने आ रही है जिसके तहत रेलवे की वर्तमान स्थिति में सुधार लाया जा सकेगा। विस्तार पूर्वक बताएं तो 52 kg की रेल लाइन की जगह अब 60 kg की रेल लाइन बिछाई जाएगी, इसके साथ-साथ नई तकनीक वाले रेल पॉइंट एवं कंक्रीट के चौड़े मजबूत स्लीपर लगाए जाने की भी योजना है।
जानकारों की माने तो अधिक वजन वाले रेल लाइन, कंक्रीट के स्लीपर एवं नई तकनीक वाले रेलपॉइंट की वजह से जहां एक तरफ ट्रेनों की स्पीड में बढ़ोतरी होगी तो वहीं दूसरी तरफ रेल लाइनों की आयु व क्षमता में इजाफा होगा। दरअसल यह योजना ट्रेनों की गति 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक हो सके इसलिए बनाई गई है। इतना ही नहीं इस योजना के पूर्ण होने के बाद रेल यातायात पूर्ण रूप से संरक्षित व सुरक्षित हो जाएगा, जिस पर तेजी से कार्य भी किया जा रहा है।
# जानिए कहां तक पहुंचा निर्माण कार्य___
बताया जा रहा है कि इस योजना को पूरा करने हेतु मुख्यालय गोरखपुर जंक्शन पर ब्लॉक लिया जाएगा । जिसके बाद टीटीआर रेल लाइनें, रेल पॉइंट और कंक्रीट को बदलने का कार्य किया जाएगा। इस योजना के प्रथम चरण में 31 अगस्त तक अलग-अलग तारीखों में ब्लॉक लिया जाएगा । आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस योजना के तहत गोरखपुर जंक्शन ही नहीं गोरखपुर-लखनऊ, गोरखपुर-छपरा और गोरखपुर-नरकटियागंज रेलमार्ग पर भी तेजी से काम चल रहा है ।
# क्या लाभ है इस योजना के__
सुनने में आ रहा है कि विगत 17 जुलाई को गोरखपुर के यार्ड में एक मालगाड़ी पटरी से उतर गई थी। जिसके बाद जहां एक तरफ ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ, वहीं दूसरी तरफ माल गाड़ियों के दो बोगियों को पटरी पर वापस लाने में रेलवे प्रशासन को अच्छी खासी मेहनत भी करनी पड़ी। ऐसी ही दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए यह सभी बदलाव किए जा रहे हैं।
यहां आपको बता दें कि नई रेल लाइनों एवं रेल प्वाइंटों के बदले जाने से जंक्शन यार्ड में ट्रेनों की गति में अधिकतम 30 किलोमीटर तक इजाफा होगा। इतना ही नहीं नई पटरी से ज्यादा से ज्यादा माल गाड़ियां पास हो सकेगी। सुनने में आया है कि निर्माण कार्य में काफी तेजी लाई गई है । इन सबके अलावा डबल डिस्टेंस सिग्नल लगाने की भी प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी हैं।
# क्या कहा रेलवे के अधिकारियों ने__
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि रेलपथ को मजबूती प्रदान करने की दिशा में 52 किग्रा वाली रेल लाइने एवं कंक्रीट स्लीपरों के स्थान पर 60 किग्रा वाली रेल लाइने एवं स्लीपर लगाए जा रहे हैं। संरक्षा को सुदृढ़ करने के क्रम में ट्रैक नवीनीकरण, टर्नआउट नवीनीकरण, बैलास्ट की डीप स्क्रीनिंग इत्यादि कार्य तेजी से किया जा रहा है। साभार : जागरण 25 Aug 2022 12:59 PM (IST)