गोरखपुर से एक बेहद ही शानदार एक्सप्रेस वे गुजरने वाला है, यह एक्सप्रेस वे गोरखपुर कैंपियरगंज से गुजरेगा या जंगल कौड़िया से इस पर मंथन चल रहा है, लागत कम करने के लिए इस एक्सप्रेस-वे को ग्रीन बेल्ट से निकालने की योजना बनाई जा रही है, ग्रीन बेल्ट से निकालने का मकसद यह है कि रास्ते में पड़ने वाले नदी एवं चौराहों में कमी आ सके, अगर नदी एवं चौराहे कम मिलेंगे तो अंडरपास और पुलों का निर्माण भी कम करना पड़ेगा, मिली जानकारी एवं एनएचएआई के अधिकारियों के मुताबिक यह एक्सप्रेसवे लगभग 100 मीटर चौड़ा होगा।
इस एक्सप्रेस-वे को उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर सिद्धार्थनगर बलरामपुर बहराइच इत्यादि जिलों से गुजारने के लिए सर्वे का कार्य शुरू किया जा चुका है, इसके अलावा यह एक्सप्रेसवे लखनऊ सीतापुर हरदोई शाहजहांपुर बदायूं बरेली रामपुर मुरादाबाद संभल अमरोहा बिजनौर मेरठ मुजफ्फरनगर सहारनपुर इन जिलों से गुजरते हुए यह एक्सप्रेसवे शामली तक जाएगा।
इस एक्सप्रेस वे में नई कड़ी जुड़ गई है कि गोरखपुर से नेपाल के बीच 3 किलोमीटर सीधा सड़क बनाने का प्लान शामिल किया गया है, सीधा सड़क बनाने का मकसद यह है कि इस एक्सप्रेस वे पर एक एयरस्ट्रिप यानी हवाई पट्टी बनाने की तैयारी की जा रही है, जिसका इस्तेमाल चीन से मिलने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए किया जाएगा, इस वजह से ऐसी जगह तलाशी जा रही है जहां 3 किलोमीटर लंबी बिल्कुल सीधी सड़क बनाई जा सके जिस पर आसानी से लड़ाकू विमान भी आपातकालीन स्थिति में उतारे जा सके।
मुख्यमंत्री योगी के सुझाव के बाद एक्सप्रेस-वे के ले-आउट में बदलाव किया गया है, उन्होंने सुझाव दिया था कि इस एक्सप्रेस-वे को भारत नेपाल के बीच तराई क्षेत्र से गुजारा जाए, जिसका फायदा होगा कि उन क्षेत्रों को भी विकास से सीधा जोड़ा जा सकेगा, इस बाबत एनएचएआई ने भी इसी पैमाने पर सर्वे का कार्य शुरू कर दिया है।