गोरखपुर के राप्ती नदी के दोनों तरफ स्थित गुरु गोरखनाथ घाट और रामघाट के सुंदरीकरण किया जा चुका है। जिसके बाद यह घाट भी पर्यटन स्थल बन चुका है। बता दें कि राप्ती नदी में भी शिकारा चलाया जाएगा, इसके लिए नगर निगम ने तैयारियां शुरू कर दी है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अयोध्या की सरयू नदी में शिकारा चलाया जाता है जिसको देखते हुए अब गोरखपुर के राप्ती नदी में भी शिकारा चलाने की योजना की जा रही है।

नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने अयोध्या की सरयू नदी में शिकारा चलाने वालों के साथ बैठक किया है। राप्ती नदी के तट पर बने गुरु गोरखनाथ और रामघाट को हैंडोवर लेने की भी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है बता देकि यह घाट अभी सिंचाई विभाग के पास है जिसने इन घाटों का सुंदरीकरण का काम करवाया है।

आपको बता दें कि नगर आयुक्त से हांसूपुर के पार्षद संजय श्रीवास्तव ने मिलकर राप्ती नदी में शिकारा चलाने को लेकर अनुरोध किया था। उन्होंने कि शिकारा चलने से रामगढ़ ताल की तरह यहां भी पर्यटक अधिक संख्या में आएंगे। इस घाट पर पर्यटकों के आने से नगर निगम की आय तो बढ़ेगी ही इसके साथ ही पर्यटकों को घुमंने के लिए नई जगह भी मिल जाएगी।

एक व्यक्ति के 50 से 60 रुपया लगेगा किराया
बता दें कि शिकारा संचालकों से बातचीत करने की जिम्मेदारी पार्षद को नगर आयुक्त ने दिया था जिसके बाद संचालकों से बातचीत किया। शिकारा के बारे में अयोध्या से आए सुरेंद्र माझी ने बताया कि शिकारा एक मोटर चालित बड़ी नाव नाम है, इस नाव पर एक बार में 20 लोग ही सवार हो सकते हैं। राप्ती नदी में लगभग 2 किलोमीटर तक सैर कराया जाएगा और इसके लिए एक व्यक्ति को  50 से 60 किराया लगेगा। पहली बार में 4 शिकारा नाव आएगा, जो अगले सप्ताह आने की उम्मीद है।

मुख्यमंत्री ने दिया था निर्देश 

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद राप्ती नदी तट के सुंदरीकरण हुआ है। इस घाट को पहले श्मशान घाट कहां जाता था लेकिन वही सुनदीकरण के बाद सैकड़ों लोग यहां सुबह शाम तट पर घुमने आते हैं। बता दें कि राप्ती नदी की आरती देखने के लिए मंगलवार शाम लोग दूर-दूर से बड़ी संख्या में जुटेंगे हैं। घाट पर शिकारा चलने के बाद गोरखपुर शहर में एक और पर्यटन स्थल हो जाएगा।

Rajan Sharma

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