गोरखपुर : बात दरअसल राजेंद्र नगर के रहने वाले अमित की है। एक दिन अमित दान विलेख (गिफ्ट डीड) यानी रक्त संबंध में रजिस्ट्री कराने के लिए निबंधन कार्यालय पहुंचे। वहां नए नियम के मुताबिक अमित से स्टांप शुल्क के तौर पर ₹5000 लिए गए, यहां तक तो फिर भी ठीक था पर जब अमित से पंजीकरण राशि के रूप में एक लाख मांगे गए, तो अमित के तो होश ही उड़ गए। अमित ने जब मामले की पड़ताल की तब यह बात सामने आई कि पुराने नियम के अनुसार उनकी संपत्ति के 1% के बराबर पंजीकरण शुल्क लगेगा। अमित की कुल संपत्ति लगभग एक करोड़ की है तो 1% के हिसाब से एक लाख होते हैं। यह सब जानने के बाद अमित ने फिलहाल रजिस्ट्री कराने का ख्याल अपने मन से निकाल दिया है । अमित ही नहीं उनकी ही तरह कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने बीते कुछ दिनों में निबंधन कार्यालय जाने के बाद फिलहाल रजिस्ट्री ना कराने का फैसला लिया है।

 

# लोगों को अभी है प्रशासन से पंजीकरण धनराशि में छूट की उम्मीद___

जैसा कि हम सब जानते हैं कि रक्त संबंधों के बीच जमीन रजिस्ट्री करवाने पर लोगों को राहत देने के लिए 6 महीने तक स्टांप शुल्क ₹5000 निर्धारित किया गया है, जिसके लिए आदेश भी जारी हो चुका है पर पंजीकरण धनराशि को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किए गए हैं। दरअसल स्टांप शुल्क में छूट के आदेश आने पर लोगों ने यह मान लिया था कि पंजीकरण धनराशि के लिए भी आदेश आ चुका होगा। लेकिन जब लोग निबंधन कार्यालय पहुंचे तब वास्तविक स्थिति के बारे में पता चला। हालांकि निबंधन कार्यालय में इस बात की चर्चा तो है कि जल्द ही इसको लेकर भी आदेश जारी किया जा सकता है।

 

# पंजीकरण धनराशि भी कम होने की उम्मीद___

जानकारी के अनुसार पंजीकरण धनराशि को भी जल्द ही कम करने की तैयारी चल रही है। इसी संभावना को देखते हुए लोग लाखों रुपए खर्च करने के बदले कुछ दिन इंतजार करना बेहतर मान रहे हैं। हालांकि वर्तमान में पंजीकरण धनराशि को लेकर कोई शासनादेश सामने नहीं आया है।

 

# इन्हें स्टांप शुल्क में मिल रही छूट

माता, पिता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, पुत्रवधु (पुत्र की पत्नी), दामाद (पुत्री का पति), सगा भाई, सगी बहन, पुत्र/पुत्री के पुत्र-पुत्री।

Kush Singh

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