गोरखपुर वासियों को एक बड़ी ही राहत देने वाली खबर आ रही है। बता दें कि गोरखपुर में जमीन और मकान खरीदने की तैयारी कर रहे लोगों के लिए बड़ी ही राहत भरी खबर है। आप को इस बात की जानकारी दे कि इस बार भी जमीन के सर्किल रेट में कोई बढ़ोतरी नहीं होने वाली है वही सर्किल रेट में सिर्फ संशोधित किए जाएंगे वह भी जरूरत पड़ने पर किया जा सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि यह लगातार सातवां वर्ष है जब सर्किल रेट में बढ़ोतरी नहीं होगी , वर्ष 2015 ने इससे पहले सर्किल रेट बढ़ाए गए थे। जमीन और माकन खरीदने वालो को इससे बड़ी ही रहत मिलेगी।

 

लेकिन आपको बता दें कि मंडल के अन्य जिलों जैसे देवरिया,कुशीनगर और महाराजगंज में सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी की जा रही है हालांकि प्रस्तावित रेट पर अभी अंतिम मुहर नहीं लगाई गई है। लेकिन बहुत जल्द ही डीएम के स्तर से मंजूरी मिल जाने की उम्मीद दिखाई दे रही है। शासन के निर्देशानुसार आने वाली 1 अगस्त से नया सर्किल रेट लागू होगा है।आपकी जानकारी के लिए बता देंगे गोरखपुर रजिस्ट्री कार्यालय के अफसरों के आगे बैनामो से होने वाली आय का लक्ष्य पूरा करने को लेकर चुनौती बढ़ती दिखाई दे रही है क्योंकि 7 साल से सर्किल रेट में वृद्धि तो नहीं हुई, वहीं शासन की तरफ से हर साल लक्ष्य में वृद्धि की जाती रही है।

 

बता दें कि वर्ष 2022-23 के लक्ष्य में भी लगभग 77 करोड की वृद्धि की गई है, रजिस्ट्री विभाग बढ़ते लक्ष्य को देखते हुए इस बार सर्किल रेट में 50% की वृद्धि करने की योजना में था लेकिन अब उम्मीद पर पानी फिर गया है। जमीन के बाजार दर में वृद्धि होने के बाद भी रजिस्ट्री के वक्त लोगों को डीएम सर्किल रेट के अनुसार ही स्टांप जमा करवाना होगा, ऐसे में उसे स्टांप शुल्क से राहत मिलेगी।

इस वजह से सर्किल रेट में लगा ब्रेक

आपको बता दें कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बनने के बाद से ही गोरखपुर विकास के पथ पर दौड़ लगा रहा है। जिले में नई-नई विकास परियोजनाएं शुरू हो रही है ,अभी भी कई परियोजना शुरू होना है और इनके लिए भूमि अधिग्रहण मुआवजा देना है यही वजह है कि जिले में सर्किल रेट में वृद्धि नहीं हुई है।

गोड़धोइया नाले के निर्माण एवं सुंदरीकरण के लिए भी भूमी अधिगृहीत करने पर करीब 700 करोड रुपए खर्च होने के अनुमान है यही नहीं जंगल कौड़िया से जगदीशपुर तक फोरलेन प्रस्तावित है वही कालेसर से जगदीशपुर तक फोरलेन को सिक्स लेन में निर्माण किया जाना है।यही नहीं देवरिया बाईपास और पैडलेगंज से फिराक गोरखपुरी चौराहे तक भी फोरलेन प्रस्तावित है इस साल कई परियोजनाएं अभी शुरू होनी बाकी है ऐसे में अगर सर्किल रेट बढ़ता है तो सरकार को मुआवजे के तौर पर मोटी रकम खर्च करनी पड़ती।

डीएम कृष्णा करुणेश के अनुसार गोरखपुर जिले में कई ऐसी सरकारी योजनाएं हैं जो संचालित हो रही है। उनके लिए भूमी की जरूरत पड़ेगी, वही सर्किल रेट बढ़ने से इन योजनाओं की कीमत बढ़ जाएगी और शासन पर भार बढ़ जाएगा। इन्हीं कारणों से इस साल भी सर्किल रेट में वृद्धि नहीं करने का निर्णय लिया गया है ।

Rajan Sharma

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