पूर्वोत्तर रेलवे के सभी रेलवे पर 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलेंगी। ट्रेनों के समयपालन में सुधार होने से अब ट्रेन का समय पे आना संभव होगा । ट्रैक पर वाहनों की क्षमता बढ़ेगी। आने वाले दिनों में एक के बाद एक ट्रेनें चलाई जा सकेंगी। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने दिशा-निर्देश जारी करते हुए क्षेत्र के सभी मुख्य इंजीनियरों (पीसीई) को रेलवे की गति क्षमता को तेजी से बढ़ाने का अधिकार दे दिया है।

 

 

# रेलवे बोर्ड ने जारी किए ट्रैक की रफ्तार बढ़ाने के निर्देश, पीसीई को दिया गया अधिकार

नई व्यवस्था के तहत गोरखपुर कैंट-नरकटियागंज, गोरखपुर-भटनी-वाराणसी, गोरखपुर-आनंदनगर-नौतनवां और गोरखपुर-आनंदनगर-बढ़नी-गोंडा रूट आदि पर 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चल सकेंगी। रेलवे प्रशासन को रेल मार्गों पर की गति क्षमता बढ़ाने के लिए बोर्ड और रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) का सामना नहीं करना पड़ेगा। जोनल स्तर पर केवल प्रमुख मुख्य इंजीनियर ही इस कार्य के लिए सक्षम होंगे। अभी तक रेलवे की क्षमता बढ़ाने का काम रेलवे बोर्ड की हरी झंडी और सीआरएस की मंजूरी के बाद ही हो पाता था। वर्तमान में पूर्वोत्तर रेलवे के बाराबंकी-गोंडा-गोरखपुर-छपरा 425 किमी मुख्य रेल लाइन पर 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चल रही हैं। इस रूट को 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से डिजाइन किया गया है। इसे 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने में सक्षम होने की योजना है। इसके अलावा बनारस-प्रयागराज और मऊ-शाहगंज रेलवे लाइन पर 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चल रही हैं।

 

# बनेगी160 गति वाली रेलवे लाइन 

अब नई रेलवे लाइनें 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बनकर तैयार होंगी। ट्रेनलाइनों के दोहरीकरण और तीसरे की क्षमता भी 110 से 130 किमी प्रति घंटा होगी। उत्तर पूर्व रेलवे की नई रेल लाइन पर सहजनवां-दोहरीघाट करीब 80 किलोमीटर और खलीलाबाद-बहराइच करीब 240 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेनें 160 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ेगी। गोरखपुर कैंट-नरकटियागंज और भटनी-ओडिहार रूट की दूसरी लाइन (डबलिंग) पर और तीसरी लाइन पर डोमिंगगढ़-गोरखपुर-कुसम्ही होते हुए खलीलाबाद से बैतालपुर तक 110 से 130 की रफ्तार से ट्रेनें चलेंगी।

 

ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए रेलवे काम कर रहा है। इस क्रम में जिस रेल खण्डों की सेक्शनल गति 110 किमी प्रति घंटे से कम है, उसे 110 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाया जाना है। इसके लिए क्षेत्रीय रेल के प्रमुख मुख्य इंजीनियर को रेलवे बोर्ड द्वारा अधिकृत किया गया है, ताकि इन कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जा सके। पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे।

Kush Singh

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