गोरखपुर दक्षिणांचल और दोहरीघाट, घोसी व कोपा के लोगों को वाराणसी प्रयागराज और मुंबई की रेल यात्रा करना और भी आसान हो जाएगा। बता दें कि बड़हलगंज और गोला के रेल यात्रियों को 50 से 60 किलोमीटर गोरखपुर आकर ट्रेन पकड़ने की परेशानी से छुटकारा मिलने वाली है। यात्री दोहरीघाट से ही ट्रेन पकड़ सकेंगे। छोटी लाइन से बड़ी लाइन 35 किलोमीटर रेल लाइन इंदारा- दोहरीघाट का कार्य अंतिम चरण में है लगभग 80% कार्य पूरा कर लिया गया है, इस निर्माण कार्य का पूरा करने का लक्ष्य रेलवे प्रशासन ने दिसंबर 2022 तय किया है। वही दोहरीघाट से इंदिरा, मऊ और वाराणसी रूट पर ट्रेनों का संचालन वर्ष 2023 में शुरू हो जाएगा।

 

 

बनेंगे 6 स्टेशन और 12 सब-वे

बता दें कि मिली जानकारी के अनुसार रेलवे प्रशासन शुरुआत में पैसेंजर ट्रेन चलाने की तैयारी में है। इस रूट पर इलेक्ट्रिक से चलने ट्रेने और एक्सप्रेस ट्रेन आने वाले दिनों में चलयेगी। बता दें कि इस रेल रूट पर इंदारा, कोपागंज, घोसी, अमिला, मुरारपुर, और दोहरीघाट समेत कुल 6 स्टेशन बनेंगे, तीन स्टेशनों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है जबकि दो बड़े पुल में एक पुल का निर्माण हो चुका है।

वही दूसरे पुल का निर्माण कार्य भी चल रहा है। बता दें कुल 23 छोटे पुलों में से 18 पुलों का निर्माण हो गया है। इस रूट पर 12 सब वे भी बनाए जाएंगे ताकि स्थानीय लोगों को आवागमन में सुविधा मिल सके इसका भी निर्माण कार्य चल रहा है। इस रेलमार्ग पर मिट्टी का कार्य लगभग पूरा हो चुका है बहुत जल्द ही स्लीपर और रेल लाइन बिछाने का कार्य तेजी से किया जाएगा।

 

 

 

इस रुत पर 110 किमी रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेने

इस रेल मार्ग पर 110 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेनें चल सकेंगी, वही यात्री ट्रेनों के अलावा माल गाड़ियों का भी संचालन होगा। ट्रेन का संचालन शुरू हो जाने से क्षेत्र के सभी स्थानीय लोगों को रेल यात्रा आसान हो जाएगा और क्षेत्र में विकास भी रफ्तार पकड़ेगा साथ ही साथ रोजगार का अवसर भी बढ़ेगा।

आपको बता दें कि रेल मंत्रालय ने 2016-17 में अमान परिवर्तन को लेकर स्वीकृति दिया था। बता दें कि सहजनवा- दोहरीघाट के रास्ते रेल मार्ग से 4 साल में गोरखपुर से जुड़ जाएगा काशी, सहजनवा और दोहरीघाट के रास्ते रेल रूट से 4 साल काशी जुड़ जाएगी, वही सहजनवा- दोहरीघाट नई रेलवे लाइन बिछाने का कार्य चल रहा है।

 

 

 

4 साल तय हुवा था निर्माण का लक्ष्य

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए 4 साल का लक्ष्य रखा गया है। इसके पूरा होने के बाद पूर्वांचल में रेल लाइनों की जाल बीछ जाएगी। उसके बाद सहजनवा से दोहरीघाट और इंदारा होते हुए गोरखपुर से मऊ वाराणसी प्रयागराज और मुंबई के लिए ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। वही गोरखपुर से वाराणसी और प्रयागराज की दूरी घट जाएगी।

Rajan Sharma

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