गोरखपुर एयरपोर्ट से जुडी अच्छी खबर है गोरखपुर एयरपोर्ट को और हाईटेक बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। बता दें कि गोरखपुर एयरपोर्ट के पासअपना जल्दी डिवीओआर(DVOR ) यानी (वेरी हाई फ्रिकवेंसी ओमनी रेज डॉप्लर रडार) होगा। यहां से विमानों की संख्या भी बढ़ सकती है। आपको बता दें कि नई दिल्ली से तकनीकी टीम गोरखपुर एयरपोर्ट पर डिवीओआर लगाने के लिए 28 सितंबर को सर्वे करेगी इस कार्य के लिए लोक निर्माण विभाग की मदद मांगी गई है। क्या है डिवीओआर की खासियत के बारे में आइए हम आगे जानते हैं –

जानिए क्या है डिवीओआर(DVOR) की खासियत
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसके लगाए जाने वाले रडार के जरिए कंट्रोलर के कंप्यूटर पर एयर ट्रैफिक के साथ ही टर्मिनल क्षेत्र में विमान की स्थिति दिखाई देगी यही नहीं डिवीओआर के जरिए एयरपोर्ट के 100 किलोमीटर के दायरे में विमानों को बेहतर तरीके से नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा इस यंत्र के लगने से हर मौसम में विमान की लैंडिंग हो सकती है। आपको बता दें कि फिलहाल समय में एयर फोर्स के डिवीओआर से गोरखपुर हवाई अड्डा की व्यवस्था चल रही है। इस नए डिवीओआर विश्व की आधुनिकतम तकनीक यानी मॉडर्न टेक्नोलॉजी पर आधारित है और इसका इस्तेमाल दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद जैसे एयरपोर्ट पर किया जा रहा है। उम्मीद है कि यहां भी चार से पांच महीनों में डिवीओआर सिस्टम को लगा दिए जाएंगे।

बढ़ सकेंगी उड़ानो की संख्या

गोरखपुर हवाई अड्डे को 44 एकड़ जमीन मिल जाने से जहां टर्मिनल का विस्तार होगा वही एप्रेन की संख्या ( जहाज की पार्किंग) 10 हो जाएगी, जिस से उड़ानों की संख्या बढ़ जाएगी और गोरखपुर एयरपोर्ट टर्मिनल से लखनऊ और वाराणसी के समकक्ष खड़ा हो सकेगा बता दें कि एयरपोर्ट विस्तार में चार गेट बनेंगे और चारों गेट से प्रवेश और निकासी होगी।

Kush Singh

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